संवेगों के प्रकार
Kinds of Emotions
Kinds of Emotions
संवेग अनेक प्रकार के होते हैं। मैकडूगल (McDougal) ने 14 संवेगों का उल्लेख किया है, जिनमें से प्रत्येक एक-एक मूलप्रवत्ति (Instinct) से सम्बन्धित है। ये 14 संवेग निम्नवत हैं
1. भय (Fear)
2. क्रोध (Anger)
3. घृणा (Disgust)
4. वात्सल्य (Tenderness)
5. करुणा (Distress)
6. कामुकता (Lust)
7. आश्चर्य (Wonder)
8. आत्महीनता (Negative Self Feeling)
9. आत्म-अभिमान (Positive Self Feeling)
10. एकाकीपन (Lonlyness)
11. भूख (Hunger)
12. अधिकार (Feeling of Ownership)
13. कृतिभाव (Creativeness)
14. आमोद (Amusement)
भारतीय विद्वान केवल दो मुख्य संवेग स्वीकार करते हैं।
ये हैं-राग तथा देष।
इन दोनों मुख्य संवेगों को निम्न ढंग से अन्य संवेगों के रुप में व्यक्त किया जा सकता
(1) रागात्मक संवेग ---
सम्मान, भक्ति, शृद्धा मित्रता, प्रेम, आसक्ति स्नेह, वात्सल्य, दया
अपने से बड़ों के प्रति राग अपने बराबर वालों के प्रति राग अपने से छोटों के प्रति राग
(2) द्वेषात्मक संवेग ----
अपने से बड़ों के प्रति द्वेष भय, कायरता, घृणा अपने बराबर वालों के प्रति द्वेष क्रोध, ईर्ष्या, जलन अपने से छोटों के प्रति द्वेषगर्व, अभिमान, अधिकार
कुछ संवेग ऐसे होते हैं जो नैसर्गिक होते हैं-जैसे भय, क्रोध, आश्चर्य, शोक आदि ।जवकि कुंछ संवेग ऐसे होते हैं जो धीरे-धीरे विकसित होते हैं- जैसे ईर्ष्या, प्रेम. घृणा आदि । जिन संवेगों से व्यक्ति को सूख मिलता है उन्हें सुखद संवेग अथवा धनात्मक संवेग (Positive Emotions) कहते हैं- जैसे प्रेम, स्नेह, मित्रता।
जिन संवेगों से व्यक्ति को दुख मिलता है उन्हें दुखद संवेग या दुखप्रद संवेग या ऋणात्मक संवेग ( Negative Emotions) कहते हैं-जैसे भय, क्रोध, घृणा, ईर्ष्या ।