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Smriti Ke Prakar | स्मृतियों के प्रकार | Kinds of Memories

 


स्मृतियों के प्रकार 

(Kinds of Memories) 


स्मृति का मुख्य कार्य है-हमें किसी पूर्व अनुभव का स्मरण कराना। इसका अभिप्राय यह हुआ कि प्रत्येक अनुभव के लिए पृथक   स्मति होनी चाहिए। इतना ही नहीं, पर जैसा कि स्टाउट ने लिखा है-"केवल नाम के लिए पृथक स्मति नहीं होनी चाहिए, वरन प्रत्येक विशिष्ट नाम के लिए भी पृथक् स्मृति हाना चाहिए।" 

“There must not only by a separate memory for names, but a separate memory for each particular name.” 

-Stout

 स्टाउट (Stout) के इस कथन का अभिप्राय यह है कि स्मृतियाँ अनेकानेक प्रकार की होती हैं, जो किसी मामले के लिए अच्छी और किसी के लिए खराब हो सकती हैं। उदाहरणार्थ-किसी व्यक्ति की स्मृति, स्थानों के बारे में अच्छी, पर नामों के बारे में खराब हो सकती है। इसी प्रकार, दूसरे व्यक्तियों की स्मृति-गणित, विज्ञान, साहित्य आदि के लिए अच्छी या खराब हो सकती है।

 स्मृतियों के  प्रकार

1. व्यक्तिगत स्मति (Personal Memory)


2. अव्यक्तिगत स्मृति (Impersonal Memory)


3. स्थायी स्मृति (Permanent Memory)


4. तात्कालिक स्मृति (Immediate Memory)


5. सक्रिय स्मृति Active Memory


6. निष्क्रिय स्मृति Passive Memory


7. तार्किक स्मृति Logical Memory


8. यान्त्रिक (रटन्त) स्मृति Rote Memory


9. आदत स्मृति Habit Memory


10. शारीरिक स्मृति Physiological Memory


11. इन्द्रिय-अनुभव Sense Impression Memory


12. सच्ची या शुद्ध स्मृति True or Pure Memory 


1. व्यक्तिगत स्मति 

(Personal Memory)

इस स्मृति में हम अपने अतीत के व्यक्तिगत अनुभवों को स्मरण रखते हैं। हमें यह सदैव स्मरण रहता है कि संकट के समय हमारी सहायता किसने की थी। 

2. अव्यक्तिगत स्मृति 

(Impersonal Memory)

इस स्मृति में हम बिना व्यक्तिगत अनुभव किए बहुत-सी पिछली बातों को याद रखते हैं। हम इन अनुभवों को साधारणत: पुस्तकों से प्राप्त करते हैं। अतः ये अनुभव सब व्यक्तियों में समान होते हैं। 

3. स्थायी स्मृति 

(Permanent Memory)

 इस स्मृति में हम याद की हुई बात को कभी नहीं भूलते हैं। यह स्मृति, बालकों की अपेक्षा वयस्कों में अधिक होती है।

 4. तात्कालिक स्मृति 

(Immediate Memory)

-इस स्मृति में हम याद की हुई बात को तत्काल सुना देते हैं, पर हम उसको साधारणत: कुछ समय के बाद भूल जाते हैं। यह स्मृति सब व्यक्तियों में एक-सी नहीं होती है, और बालकों की अपेक्षा वयस्कों में अधिक होती है।

 5. सक्रिय स्मृति

Active Memory

इस स्मृति में हमें अपने पिछले अनुभवों का पुनःस्मरण करने के लिए प्रयास करना पड़ता है। वर्णनात्मक निबन्ध लिखते समय छात्रों को उससे सम्बन्धित तथ्यों का स्मरण करने के लिए प्रयास करना पड़ता है। 

6. निष्क्रिय स्मृति

Passive Memory

इस स्मृति में हमें अपने पिछले अनुभवों का पुनःस्मरण करने में किसी प्रकार का प्रयास नहीं करना पड़ता है। पढ़ी हुई कहानी को सुनते समय छात्रों को उसकी घटनाएँ स्वतः याद आ जाती हैं।

 7. तार्किक स्मृति 

Logical Memory

इस स्मृति में हम किसी बात को भली-भाँति सोच-समझकर और तर्क करके स्मरण करते हैं। इस प्रकार प्राप्त किया जाने वाला ज्ञान वास्तविक होता है।

 

8. यान्त्रिक (रटन्त) स्मृति

Rote Memory

इस स्मृति में हम किसी तथ्य को या किसी प्रकार के उत्तर को बिना सोचे-समझे रटकर स्मरण करते हैं। पहाड़ों को याद करने और रटने की साधारण विधि यही है। 

9. आदत स्मृति

Habit Memory

इस स्मृति में हम किसी कार्य को बार-बार दोहरा कर और उसे आदत का रूप देकर स्मरण करते हैं। हम उसे जितनी अधिक बार दोहराते हैं, उतनी ही अधिक स्मृति हो जाती है। 

10. शारीरिक स्मृति

Physiological Memory

इस स्मृति में हम अपने शरीर के किसी अंग या अंगों द्वारा किए जाने वाले कार्य को स्मरण रखते हैं। हमें उँगलियों से टाइप करना और हारमोनियम बजाना स्मरण रहता 

11. इन्द्रिय-अनुभव

Sense Impression Memory

इस स्मृति में हम इन्द्रियों का प्रयोग करके अतीत के अनुभवों को फिर स्मरण कर सकते हैं। हम बन्द आँखों से उन वस्तुओं को छूकर, चखकर या सूंघकर बता सकते हैं, जिनको हम जानते हैं।

12. सच्ची या शुद्ध स्मृति

True or Pure Memory

इस स्मृति में हम याद किये हए तथ्यों का स्वतन्त्र  वास्तविक पुन:स्मरण कर सकते हैं। हम जो कुछ याद करते हैं, उसका हमें क्रमबद्ध ज्ञान रहता है। इसीलिए, इस स्मृति को सर्वोत्तम माना जाता है।


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