शिक्षा मनोविज्ञान की तुलनात्मक विधि
Educational Psychology Comparative Method
शिक्षा मनोविज्ञान की तुलनात्मक विधि में प्राणियों के व्यवहार से सम्बन्धित समानताओं तथा असमानता का तुलनात्मक अध्ययन किया जाता है। जैसे, पशुओं तथा मानवों के व्यवहारों की तुलना, दो प्रजातियों (Races) के व्यवहारों की तुलना, विभिन्न वातावरण में पाले गए बालकों की तुलना, लड़के तथा लड़कियों के व्यवहारों की तुलना आदि। दो समूहों के व्यवहारों की समानताओं तथा असमानताओं की तुलना से अनेक उपयोगी सूचनाएं प्राप्त हो सकती हैं। प्रायः विभिन्न पशुओं के ऊपर प्रयोग करके व्यवहार से सम्बन्धित सिद्धान्तों को स्थापित किया जाता है तथा फिर उन सिद्धान्तों की उपयुक्तता मनुष्यों के ऊपर देखी जाती है । उदाहरण के लिए, सीखने के लगभग सभी सिद्धान्तों का प्रतिपादन प्रारम्भ में पशुओं के ऊपर प्रयोग करके किया गया तथा बाद में मानव जाति के ऊपर इनकी उपयोगिता ज्ञात की गई। पशुओं तथा अन्य प्रजातियों के व्यवहारों से तुलना करके मानव व्यवहार को समझने के कारण ही इस विधि को तुलनात्मक विधि कहा जाता है।
तुलनात्मक विधि की विशेषताएं
Characteristics of Comparative Method
तुलनात्मक विधि की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं
(i) जिन प्रयोगों को मनुष्यों के ऊपर नहीं किया जा सकता, उन प्रयोगों को पशुओं के ऊपर करके सिद्धान्त प्रतिपादित करने की यह एकमात्र विधि है।
(ii) अन्य प्रजातियों के लिए पहले से उपलब्ध ज्ञान के आधार पर व्यवहार को समझना सरल हो जाता है।
तुलनात्मक विधि की सीमाएं
Limitations of Comparative Method
इस विधि की निम्नांकित सीमाएं हैं
(i) मनुष्य तथा पशु में स्पष्ट अंतर होने के कारण पशुओं के ऊपर बनाए गए नियमों को यथावत् मनुष्य के ऊपर प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
(ii) विभिन्न प्रजातियों का शारीरिक गठन, वंशानुक्रम तथा परिस्थितियाँ भिन्न-भिन्न होती हैं। अतः एक प्रजाति से प्राप्त ज्ञान को अन्य प्रजातियों पर प्रयुक्त करते समय पर्याप्त सावधानी की आवश्यकता होती है।
Rilated Question--
शिक्षा मनोविज्ञान की तुलनात्मक विधि
SHIKSHA MNOVIGYAN KI TULNATMK VIDHI
Educational Psychology Comparative Method