Type Here to Get Search Results !

क्रियात्मक अनुसंधान में शिक्षक की भूमिका

क्रियात्मक अनुसंधान में शिक्षक की भूमिका 

The Role of the Teacher in Action Research


प्रश्न a (i) क्रियात्मक अनुसंधान में शिक्षक की भूमिका

उत्तर-
 
क्रियात्मक अनुसंधान द्वारा शिक्षक अपनी कक्षा के वातावरण में अपनी कार्य प्रणाली में सुधार तथा प्रगति करता है। शिक्षक शोध के पदों से परिचित होता है। शिक्षकों में वैज्ञानिक प्रवृत्ति, शोध कार्य के लिए जागृत होती है। इसके द्वारा विद्यालय के प्रशासन में सुधार तथा परिवर्तन लाया जाता है। शिक्षा संस्थाओं में अध्यापकगण से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने क्रियाकलापों का मूल्यांकन स्वयं करें एवं तद्नुसार प्राप्त प्रतिपुष्टि के आधार पर अपनी कमियों को जानें तथा अपेक्षित सुधार लाने का प्रयास अपने स्तर से करें। क्रियात्मक अनुसंधान अध्यापकों को संरचनात्मक मूल्यांकन के अवसर प्रदान करके शिक्षा की लक्ष्य सिद्धि को सहज बनाने में सहायता प्रदान करता है। विद्यालय के शिक्षक को इस शोध पद्धति के अंतर्गत् अपनी क्रियाओं के विकास एवं सुधार के लिए अवसर उपलब्ध होता है, जिसके द्वारा विद्यालय की कार्यप्रणाली को सुधारा जाता है।


क्रियात्मक अनुसंधान (Action Research) में शिक्षक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यह एक प्रक्रिया है जिसमें शिक्षक अपनी शिक्षण पद्धतियों, कक्षा प्रबंधन, और छात्रों के सीखने की प्रक्रिया को सुधारने के लिए स्वयं शोधकर्ता के रूप में कार्य करता है। क्रियात्मक अनुसंधान में शिक्षक की भूमिका निम्नलिखित प्रकार से होती है:

1. समस्या की पहचान करना

  • शिक्षक कक्षा या शिक्षण प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं को पहचानता है। यह समस्या छात्रों के सीखने, शिक्षण विधियों, या किसी अन्य पहलू से संबंधित हो सकती है।


2. डेटा एकत्र करना

शिक्षक समस्या से संबंधित डेटा एकत्र करता है। यह डेटा प्रश्नावली, अवलोकन, साक्षात्कार, या छात्रों के कार्यों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।

3. विश्लेषण और योजना बनाना

एकत्र किए गए डेटा का विश्लेषण करके शिक्षक समस्या के कारणों को समझता है और उसे हल करने के लिए एक योजना तैयार करता है। यह योजना नई शिक्षण विधियों, सामग्री, या कक्षा प्रबंधन रणनीतियों को शामिल कर सकती है।

4. कार्यान्वयन

  • शिक्षक अपनी योजना को कक्षा में लागू करता है और परिवर्तनों के प्रभाव का अवलोकन करता है। यह चरण शिक्षक को यह समझने में मदद करता है कि उसकी रणनीति कितनी प्रभावी है।



5. मूल्यांकन और प्रतिबिंब

  • कार्यान्वयन के बाद शिक्षक परिणामों का मूल्यांकन करता है और यह जांचता है कि क्या समस्या का समाधान हुआ है। इस प्रक्रिया में शिक्षक अपने अनुभवों से सीखता है और भविष्य के लिए नई रणनीतियों का विकास करता है।



6. सुधार और निरंतरता

  • क्रियात्मक अनुसंधान एक चक्रीय प्रक्रिया है। शिक्षक अपने निष्कर्षों के आधार पर शिक्षण प्रक्रिया में सुधार करता है और नई समस्याओं को हल करने के लिए इस प्रक्रिया को जारी रखता है।



7. सहयोग और साझाकरण

  • शिक्षक अन्य शिक्षकों, प्रशासकों, और शोधकर्ताओं के साथ अपने निष्कर्षों और अनुभवों को साझा करता है। यह सहयोग शिक्षा के क्षेत्र में नई जानकारी और सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देता है।


8. छात्र केंद्रित दृष्टिकोण

  • क्रियात्मक अनुसंधान में शिक्षक छात्रों की आवश्यकताओं और सीखने की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करता है। यह छात्रों के सीखने के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए होता है।


9. नवाचार और प्रयोग

  • शिक्षक नई शिक्षण विधियों और सामग्री का प्रयोग करके नवाचार को बढ़ावा देता है। यह प्रयोगशीलता शिक्षा के क्षेत्र में नए तरीकों को विकसित करने में मदद करती है।


10. पेशेवर विकास

  • क्रियात्मक अनुसंधान शिक्षक के पेशेवर विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शिक्षक को स्वयं को सुधारने और नई कौशल हासिल करने का अवसर प्रदान करता है।

अन्य 

क्रियात्मक अनुसंधान में शिक्षक की भूमिका सक्रिय, जिम्मेदार, और नवाचारी होती है। यह प्रक्रिया शिक्षक को न केवल अपने शिक्षण कौशल को सुधारने में मदद करती है बल्कि छात्रों के सीखने के अनुभव को भी समृद्ध करती है।


समस्या की पहचान और विश्लेषण: शिक्षक कक्षा में उत्पन्न होने वाली समस्याओं को पहचानते हैं, जैसे कि छात्रों की कमजोरियाँ, उनकी सीखने की गति, या कोई विशेष पाठ्यक्रम की कठिनाई। शिक्षक इन समस्याओं का विश्लेषण करते हैं ताकि वे समझ सकें कि इनका समाधान कैसे किया जा सकता है।


शोध की योजना बनाना: शिक्षक अनुसंधान के उद्देश्यों को निर्धारित करते हैं, जो उन्हें कक्षा में सुधार करने में मदद करेगा। वे अनुसंधान के लिए उपयुक्त तरीके और उपकरणों का चयन करते हैं, जैसे कि कक्षा में शिक्षा विधियों का परीक्षण या छात्रों के साथ साक्षात्कार करना।

  • अनुसंधान विधियों का कार्यान्वयन: शिक्षक अपने कक्षा में विभिन्न शिक्षण विधियों का परीक्षण करते हैं। वे देख सकते हैं कि कौन सी विधि अधिक प्रभावी है और इसके परिणामों को देखकर अगले कदम तय करते हैं।

  • डेटा संग्रह और विश्लेषण: शिक्षक छात्रों की प्रतिक्रियाओं, उनके प्रदर्शन, और अन्य जानकारी को एकत्रित करते हैं। वे आंकड़ों का विश्लेषण करते हैं और उन पर आधारित निर्णय लेते हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।

  • निरंतर सुधार और मूल्यांकन: शिक्षक इस अनुसंधान को एक निरंतर प्रक्रिया मानते हैं। वे परिणामों का मूल्यांकन करते हैं, और यदि आवश्यक हो, तो अपनी शिक्षण विधियों में संशोधन करते हैं। इससे उनकी शिक्षण प्रक्रिया निरंतर सुधार की ओर अग्रसर होती है।

  • अन्य शिक्षकों से साझा करना: क्रियात्मक अनुसंधान के निष्कर्षों को अन्य शिक्षकों के साथ साझा करना भी महत्वपूर्ण होता है। शिक्षक अपनी खोजों को सहकर्मियों से साझा करके शिक्षा के समग्र स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में योगदान करते हैं।

  • Post a Comment

    0 Comments
    * Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

    Top Post Ad

    Below Post Ad