सुनने का अर्थ एवं प्रभावित करनेवाले कारक
sunane ka arth evan prabhaavit karane vaala kaarak
शीर्षक | सुनने का अर्थ एवं प्रभावित करनेवाले कारक |
कोर्स | बिहार डी एल एड |
साल | प्रथम |
विषय | हिंदी का शिक्षणशास्त्र - 1 |
पेपर | F 8 |
यूनिट | यूनिट-3 |
AB JANKARI के इस पेज में सुनने व बोलने का अर्थ , शामिल किया गया है
प्रश्न. सुनने और बोलने को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन करें
उत्तर -
सुनने को प्रभावित करनेवाले निम्नलिखित कारक है उत्तर -
सुनने का अर्थ
सुनना शब्द का अर्थ है , ध्वनियों पर ध्यान देना , इसमें प्रकृति की आवाज़ें सुनना , संगीत सुनना, और दूसरे लोगों को सुनना शामिल है. सुनने का मतलब है, किसी दूसरे व्यक्ति को सुनते समय यह समझने की कोशिश करना कि वे क्या कह रहे हैं |
क. भाषिक ध्वनियों का ज्ञान ना होना सुनना की सुनने की क्रिया को प्रभावित करता है |
ख. शब्दावली पर अधिकार न होना सुनाए गए विषयों के समझने में बाधक होता है।
ग. क्रम को समझने की योग्यता ना होने से घटना, कहानी सुनने में विषय से संबंध बनाने और सुनकर समझने में सहायता नहीं मिलती है।
घ. स्मरण योग्यता न होने से क्रम को समझने में कठिनाई होती है।
ड़. उपयुक्त वातावरण सुनने की क्षमता को बढ़ाता है और अनुपयुक्त वातावरण बाधक बनता है।
च. अरुची और उदासीनता श्रवण में बाधा उत्पन्न करते हैं।
छ. अस्वस्थता के कारण सुनने के प्रति अनिच्छा, शिथिलता होती है।
ज. श्रोता एवं वक्ता के बीच तालमेल, विश्वास ना होने पर सुनने की क्रिया सार्थक नहीं होती है।
झ. श्रोता के अनुभव के दायरे में विषय को कहने / समझने की संभावना सुनने को सहज बनाती है।
ञ. वक्ता के मनोभावों, उद्देश्य, प्रयोजन, को समझ पाना 'सुनने' को समझने की शर्त है ।
ट. सुनने को संभव बनाने के लिए श्रोता को 'परिचित' विषय से 'अपरिचित' विषय की ओर जाना, समझाना श्रवण कौशल को प्रभावित करता है।
ठ. श्रोता के व्यक्तित्व में धैर्य, ग्रहणशीलता का गुण ना होना सुनने की क्रिया को प्रभावित करता है।
ड. श्रवण इंद्रियों में दोष सुनने की क्रिया में बाधक होता है
ढ. शिक्षक के अशुद्ध उच्चारण का शिक्षार्थी पर गलत प्रभाव पड़ता है। अतः उसका उच्चारण शुद्ध और मानक होना चाहिए ताकि शिक्षार्थी को प्रेरणा मिले।