सूचना का अर्थ
(MEANING OF INFORMATION)
(MEANING OF INFORMATION)
'सूचना' (Information) शब्द को विभिन्न तरीकों से प्रयोग किया जाता है। दो शब्दों 'आँकड़ों' (Data) और 'सूचना' (Information) का बहुत प्रयोग किया जाता है जो कि आपस में सम्बन्धित होते हैं। आँकड़े (Data) कोई भी तथ्य (Fact), अवलोकन (Observation), अवधारणा (Assumption), नाम, समय, तिथि, भार, मूल्य, आयु, पुस्तक, अंक, प्रतिशत, ग्रेट, आदि हो सकते हैं। आँकड़े किसी व्यक्ति की क्रिया का गुण (Attribute) होते हैं।
म आँकड़ों का संक्षिप्त स्वरूप 'सूचना' (Information) है। आँकड़ों और सूचना में सम्बन्ध होता है। किसी सूचना प्रणाली में डाली गयी सामग्री (Input) आँकड़े (Data) कहलाते हैं तथा 326 सूचना प्रणाली (Information System) का उत्पादन (Output) सूचना (Information) कहलाती है। अतः सूचना वे
आँकड़े होते हैं जिन्हें किसी स्वरूप (Forms) में उत्पन्न किया गया है तथा जो प्राप्तकर्ता (Receiver) के लिए उपयोगी होते हैं और तत्काल या भविष्य की क्रियाओं एवं निर्णयों के लिए कीमती होते हैं।
कोई भी सूचना या आँकड़े किसी भी बहस, गणना या निर्णय का आधार होते हैं। दूसरे शब्दों में, 'सूचना' वह आँकड़े हैं जिसका अर्थ निश्चित होता है।
आँकड़े मूल तथ्य होते हैं जिन्हें किसी संस्था के ऐतिहासिक रिकॉर्ड के रूप में प्रयोग किया जाता है। दैनिक जीवन में हम आँकड़ों और सूचना को एक-दूसरे के लिए प्रयुक्त करते हैं।
सूचना प्राप्ति के घटक (साधन)
[COMPONENTS (SOURCES) OF INFORMATION RECEIVING)
सूचना प्राप्त करने के निम्नलिखित स्रोत व घटक (साधन) हैं
1. मुद्रित संचार साधन–
2. प्रत्यक्ष जानकारी देने वाले साधन -
3. दृश्य-श्रव्य साधन—
सूचना प्राप्त करने के निम्नलिखित स्रोत व घटक (साधन) हैं
1. मुद्रित संचार साधन–
पाठ्य-पुस्तकें, सन्दर्भ ग्रन्थों, पाठ्यक्रम से सम्बन्धित पुस्तकें, पत्र-पत्रिकाएँ, वाचनालय तथा अन्य सार्वजनिक वाचनालय।
2. प्रत्यक्ष जानकारी देने वाले साधन -
बाग-बगीचे, नदी, पर्व,, ऐतिहासिक एवं भौगोलिक स्थान, सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक अनुभव, इत्यादि।
3. दृश्य-श्रव्य साधन—
चित्र, चार्ट, रेडियो, टेलीविजन, आदि।
उपर्युक्त के अतिरिक्त शिक्षकों, सहपाठियों, सहकर्मियों, अभिभावकों, परिजनों तथा समाज के सदस्यों द्वारा भी औपचारिक व अनौपचारिक रूप से सूचनाएँ प्राप्त होती हैं।
सूचना की विशेषताएँ
(Characteristics of Information)
प्रत्येक सूचना का मूल्य (Value) होता है। इस मूल्य को कई कारक प्रभावित करते हैं। यही कारक 'सूचना' की विशेषताएँ होती हैं जो कि निम्नलिखित हैं
1. उपलब्धता (Availability)
2. उपयुक्तता (Accuracy)
3. समयबद्धता (Timeliness)
4. सम्पूर्णता (Completeness)
5. प्रस्तुतीकरण (Presentation)
मूल्य को कई कारक प्रभावित करते हैं। यही कारक 'सूचना' की विशेषताएँ होती हैं जो कि निम्नलिखित हैं
1. उपलब्धता (Availability)
कई बार कई सूचनाएँ पहले तो उपलब्ध नहीं होती लेकिन बाद में उपलब्ध हो जाती हैं। बाद में उपलब्ध सूचनाएँ व्यक्ति के लिए नई होती हैं तथा व्यक्ति के लिए निर्णय लेने में बहुत लाभदायक सिद्ध होती हैं।
2. उपयुक्तता (Accuracy)
सूचना बिल्कुल सही या उपयुक्त होनी चाहिए। गलत सूचना किसी व्यक्ति या संस्था को हानि पहुँचा सकती है।
3. समयबद्धता (Timeliness)
वांछित सूचना अति शीघ्रता से उपलब्ध हो जानी चाहिए। देर से उपलब्ध सूचना लाभकारी नहीं रहती है।
4. सम्पूर्णता (Completeness)
केवल सम्पूर्ण सूचना ही लाभकारी हो सकती है। संग्रहित सूचना हर प्रकार से सम्पूर्ण होनी चाहिए। अपूर्ण सूचना भी हानिकारक हो सकती है।
5. प्रस्तुतीकरण (Presentation)-
सूचना को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया जाना चाहिए। इससे सूचना का मूल्य बढ़ता है। सूचना को अर्थपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करने पर उसे अधिक प्रभावशाली और कीमती बनाया जा सकता है।
सूचना के स्तर
(Levels of Information)
किसी भी संगठन में विभिन्न स्तरों पर भिन्न-भिन्न सूचनाएँ वांछित होती हैं।
सूचना के स्तर निम्नलिखित होते हैं
1. अन्तर्राष्ट्रीय सूचना (International Information)
2. राष्ट्रीय सूचना (National Information)
3. कॉर्पोरेट सूचना (Corporate Information)
4. डिपार्टमेण्टल सूचना (Departmental Information)
5 व्यक्तिगत सूचना (Individual Information)
1. अन्तर्राष्ट्रीय सूचना (International Information)-
बड़े-बड़े संगठन अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की सूचना चाहते हैं। यह अन्तर्राष्ट्रीय सूचना राष्ट्रीय सूचना के अतिरिक्त वांछित होती है। यह बड़े-बड़े व्यापारिक घरानों, विश्वविद्यालयों, शैक्षिक संस्थानों के लिए सत्य है। वे ई-मेल के माध्यम से बुलटिन प्राप्त करते हैं।
2. राष्ट्रीय सूचना (National Information)
अन्तर्राष्ट्रीय सूचना की तरह राष्ट्रीय सूचना भी महत्त्वपूर्ण है। राष्ट्रीय सूचना के स्रोत हैं—शैक्षित या व्यापारिक मैगजीन, टी.वी. पर आधारित कार्यक्रम, रिव्यूस (Reviews) या समाचार-पत्रों में प्रकाशित लेख।
3. कॉर्पोरेट सूचना (Corporate Information)-
इस प्रकार की सूचना स्वयं संगठन के बारे में होती है। इसे आमतौर पर कर्मचारियों तथा संस्था के विद्यार्थियों तक पहुँचाया जाता है।
4. डिपार्टमेण्टल सूचना (Departmental Information)
हर संगठन या संस्था विभिन्न विभागों में बाँटे होते हैं। उस संस्था के लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं लेकिन उन्हें डिपार्टमेण्टल अनुसार वर्गीकृत किया जाता है ताकि उन लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से अर्जित किया जा सके। सम्बन्धित विभागों के उत्तरदायित्व निर्धारित कर दिये जाते हैं।
5 व्यक्तिगत सूचना (Individual Information)
इस सचना में संगठन के स्टाफ के सदस्या आर कर्मचारियों की सूचना शामिल होती है। इसमें व्यक्तिगत सूचना होती है। जैसे—निवास, वैवाहिक स्तर, आदि। इसमें व्यावसायिक सूचनाएँ; जैसे—अनुभव, वेतन-स्तर, आदि भी शामिल होते हैं।
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