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F-4 विद्यालय , संस्कृति परिवर्तन और शिक्षक विकास सिलेबस | BIHAR DElEd SCERT PAPER F-4 VIDYALY SNSKRITY PRIVRTN AUR SHIKSHK VIKAS SYLLABUS





डी.एल.एड फर्स्ट  इयर पेपर F-4

विद्यालय , संस्कृति परिवर्तन और शिक्षक विकास सिलेबस  

BIHAR DElEd SCERT PAPER F-4 

VIDYALY SNSKRITY PRIVRTN AUR SHIKSHK VIKAS SYLLABUS  

 

इकाई1: विद्यालय संस्कृति और प्रबन्धन

 इकाई 2 : विद्यालय में परिवर्तन 

इकाई 3: विद्यालयी शिक्षण की व्यवस्थाएँ

 इकाई 4: शिक्षक वृत्तिक विकास (प्रोफेशनल डेवेलपमेण्ट) के आयाम 

इकाई 5 : महत्वपूर्ण शैक्षिक संस्थाएँ, प्रशिक्षण केन्द्र व सरकारी योजनाओं की समीक्षात्मक समझ 


इकाई1: विद्यालय संस्कृति और प्रबन्धन 


विद्यालय संस्कति के संगठनात्मक पहलू : अवधारणा, संरचना एवं घटकों की आलोचनात्मक समझ 


 विद्यालय प्रबन्धन की व्यवस्था और अन्तर्निहित मान्यताएं : विभिन्न घटक, कार्य संस्कृति, अनशा प्रबन्धन, आपदा प्रबन्धन, बाल संसद व मीना मंच की भूमिका। 


विद्यालय के प्रबन्धन से सम्बन्धित दस्तावेजों की समझ : विभिन्न रिकार्ड, संकलन एवं उपयोगिता। 


विद्यालय में दिन की शुरुआत : चेतना सत्र की समझ।


 इकाई 2 : विद्यालय में परिवर्तन 


विद्यालय भवन का सृजनात्मक प्रयोग : सीखने सिखाने के माध्यम के रूप में।


शिक्षा के अधिकार के अन्तर्गत विद्यालयी व्यवस्था में परिवर्तन।

 

समावेशी शिक्षा के अनुरूप विद्यालय संगठन व प्रबन्धन। कला समेकित शिक्षा के माध्यम से विद्यालयी परिवेश एवं कक्षायी शिक्षण में बदलाव। 


सूचना व संचार तकनीकी का शिक्षण प्रक्रिया में प्रयोग।




इकाई 3: विद्यालयी शिक्षण की व्यवस्थाएँ

 

कक्षाकक्ष शिक्षण की प्रकृति : परम्परागत, बालकेन्द्रित, लोकतान्त्रिक, सृजनात्मक आदि।


कक्षाकक्ष संचालन : कक्षा की व्यवस्था, कक्षा में सम्प्रेषण एवं सीखने-सिखाने के विविध स्तर।


 सीखने की योजना (लर्निंग प्लान) : अवधारणा, योजना निर्माण, क्रियान्वयन तथा स्वमूल्यांकन।


 पाठ्य-सहगामी व सह-शैक्षिक क्रियाएँ : महत्व, योजना एवं क्रियान्वयन (गतिविधियाँ, कला, खेल इत्यादि)।


 सीखने-सिखाने के दौरान आने वाली प्रमुख चुनौतियाँ तथा अनुपूरक शिक्षण की व्यवस्था। 


विद्यालय में आकलन एवं मूल्यांकन की व्यवस्था : सतत् एवं व्यापक आकलन, प्रगति पत्रक।


 इकाई 4: शिक्षक वृत्तिक विकास (प्रोफेशनल डेवेलपमेण्ट) के आयाम 


शिक्षक वृत्तिक विकास : अवधारणा, आवश्यकता, नीतिगत विमर्श व सीमाएँ। 


शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम : आवश्यकता, महत्व, प्रकार व स्वरूप।


विद्यालय में नेतृत्व व्यवस्था और शिक्षक : प्रशासनिक, सामूहिक, शिक्षणशास्त्रीय, परिवर्तनकारी।

 

शिक्षक तनाव प्रबन्धन : अवधारणा, तनाव के कारण एवं निदान।


शिक्षक के वृत्तिक विकास में स्वाध्याय, लेखन व सहकर्मियों की भूमिका।


इकाई 5 : महत्वपूर्ण शैक्षिक संस्थाएँ, प्रशिक्षण केन्द्र व सरकारी योजनाओं की समीक्षात्मक समझ 


विभिन्न संस्थाओं के कार्यों की समझ तथा विद्यालय के सन्दर्भ में उपयोगिता 


निकटवर्ती जिला स्तरीय संस्थाएँ : संकुल संसाधन केन्द्र (CRC), प्रखण्ड संसाधन केन्द्र (BRC), जिला 

शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET), प्रारम्भिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय (PTEC)।

 

राज्य स्तरीय संस्थाएँ : राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद् (SCERT). बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् (BEPC), बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड (BSEB), बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड (BSSB), बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड (BSMEB), बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड (BBOSE)।


राष्ट्रीय स्तर की संस्थाएँ : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (NCERT), केन्द्रीय माध्यामक शिक्षा बोर्ड (CBSE), राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (NUEPA), राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद् (NCTE)|


 अन्तर्राष्ट्रीय एवं गैर-सरकारी संस्थाएँ : यूनिसेफ (UNICEF), वर्ल्ड बैंक (World Bank) व अन्य 

सरकारी संस्थाएँ। .


 शैक्षिक योजनाओं से प्रमुख पहलुओं से परिचय तथा विद्यालय के सन्दर्भ में उपयोगिता 


• सर्व शिक्षा अभियान (SSA) 


• राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA)

 

समेकित बाल विकास योजना (ICDS)

 

बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाली विशेष योजनाएँ 


• उपेक्षित वर्ग के बच्चों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाली विशेष योजनाएँ। 


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