समाज , शिक्षा और पाठचर्या की समझ सिलेबस
SAMAJ ,SHIKSHA AUR PATHCHRYA KI SMJH SYLLABUS
TOPIC | समाज , शिक्षा और पाठचर्या की समझ सिलेबस |
SUBJECT | SAMAJ ,SHIKSHA AUR PATHCHRYA KI SMJH SYLLABUS |
CODE | F 1 |
COURSE | BIHAR D.El.Ed |
YEAR | 1st YEAR |
FULL MARKS | 70+30 = 100 |
इकाई 1: बच्चे, बचपन और समाज
* बच्चे तथा बचपन : सामाजिक, सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक समझ।
* समाजीकरण की समझ : अवधारणा, कारक तथा विविध सन्दर्भ।
* बच्चों का समाजीकरण : माता-पिता, परिवार, पड़ोस, जेण्डर एवं समुदाय की भूमिका।
* बाल अधिकारों का सन्दर्भ : उपेक्षित वर्गों से आने वाले बच्चों पर विशेष चर्चा के साथ।
इकाई 2 : विद्यालय और समाजीकरण
* शिक्षा, विद्यालय और समाज : अन्तर्सम्बन्धों की समझ।
* विद्यालय में समाजीकरण की प्रक्रिया : विभिन्न कारकों की भूमिका व प्रभावों की समझ।
* शिक्षा, शिक्षण तथा विद्यालय : सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक व राजनीतिक आधार|
इकाई 3 : शिक्षा और ज्ञान : विविध परिप्रेक्ष्य की समझ
* शिक्षा : सामान्य अवधारणा, उद्देश्य एवं विद्यालयी शिक्षा की प्रकृति।
* शिक्षा को समझने के विभिन्न आधार/दृष्टिकोण : दर्शनशास्त्रीय, मनोवैज्ञानिक, समाज-शासत्र
* शिक्ष का साहित्य, शिक्षा का इतिहास आदि।
* ज्ञान की अवधारणा : दार्शनिक परिप्रेक्ष्य।
* ज्ञान के विविध स्वरूप एवं अर्जन के तरीके।
इकाई 4: प्रमुख चिन्तकों के मौलिक लेखन की शिक्षाशास्त्रीय समझ
* महात्मा गाँधी-हिन्द स्वराज : सामाजिक दर्शन और शिक्षा के सम्बन्ध को रेखांकित करते हुए
* गिजुभाई बधेका—दिवास्वप्न : शिक्षा में प्रयोग के विचार को रेखांकित करते हुए।
* रवीन्द्रनाथ टैगोर–शिक्षा : सीखने में स्वतन्त्रता एवं स्वायत्तता की भूमिका को रेखांकित करते हुए।
* मारिया माण्टेसरी—ग्रहणशील मन पुस्तक से 'विकास के क्रम' शीर्षक अध्याय : बच्चों सीखने के सम्बन्ध में विशेष पद्धति को रेखांकित करते हुए।
* ज्योतिबा फुले-हण्टर आयोग (1882) को दिया गया बयान : शैक्षिक, सामाजिक सांस्कृतिक असमानता को रेखांकित करते हुए।
* डॉ. जाकिर हुसैन–शैक्षिक लेख : बालकेन्द्रित शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए।
* जे. कृष्णमूर्ति 'शिक्षा क्या है' : सीखने-सिखाने में संवाद की भूमिका को रेखांकित करते हुए
* जॉन डीवी–शिक्षा और लोकतन्त्र से 'जीवन की आवश्यकता के रूप में शिक्षा' शीर्षक लेर शिक्षा और समाज की अन्तक्रिया को रेखांकित करते हुए।
इकाई 5 : पाठ्यचर्या की समझ : बच्चों तथा समाज के सन्दर्भ में
* पाठ्यचर्या तथा पाठ्यक्रम : अवधारणा तथा विविध आधार।
* बच्चों की पाठ्य-पुस्तकें : शिक्षा, ज्ञान एवं समाजीकरण के माध्यम के तौर पर। स्थानीय पाठ्यचर्या की समझ। ।
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