31 JANUARY 2021 PAPER -1 CLASS (1 TO 5) CHILD DEVELOPMENT AND PEDAGOGY QUESTION
PART - 1 / भाग - 1
CHILD DEVELOPMENT AND PEDAGOGY
बाल विकास व शिक्षाशाश्त्र
निर्देश : निम्नलिखित प्रश्नों (प्र. संख्या 1 से 30) के उत्तर देने के लिए सही सबसे उपयुक्त विकल्प चुनिए :
1. विविध पृष्ठभूमियों के अधिगमकर्ताओं को संबोधित करने हेतु, एक अध्यापक को
(1) सभी के लिए मानकीकृत आंकलनों का इस्तेमाल करना चाहिए।
(2) ऐसे कथनों का इस्तेमाल करना चाहिए जो नकारात्मक रूढिबद्ध धारणाओं को मजबूत करें।
(3) विविधता संबंधी मुद्दों पर बातचीत टालनी चाहिए।
(4) विविध विन्यासों से उदाहरण लेने चाहिए ।
2. समस्या समाधान क्षमताओं को किस प्रकार सुसाध्य किया जा सकता है ?
(1) समरूपों के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर ।
(2) विद्यार्थियों में डर की भावना पैदा कर ।
(3) लगातार अभ्यास और कार्यान्वयन पर जोर देकर।
(4) समस्याओं के हल हेतु अटल प्रक्रिया के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर।
3. अधिगम कठिनाइयों से जूझते छात्रों की जरूरतों को संबोधित करने के लिए, एक अध्यापक को क्या नहीं करना चाहिए ?
(1) व्यक्तिगत शैक्षिक योजना बनाना ।
(2) शिक्षाशास्त्र और आकलन की जटिल संरचनाओं का प्रयोग।
(3) दृश्य-श्रव्य सामग्रियों का इस्तेमाल ।
(4) संरचनात्मक शिक्षाशास्त्रीय उपागमों का इस्तेमाल ।
4. सर्जनात्मकता की पहचान का प्रमुख लक्षण क्या है ?
(1) अतिसक्रियता
(2) असतर्कता
(3) कम परिज्ञानता/बोधगम्यता
(4) अपसारी चिंतन
5. निम्न में से अध्यापन-अधिगम का सबसे प्रभावशाली माध्यम कौन सा है ?
(1) बिना विश्लेषण के अवलोकन करना
(2) अनुकरण/नकल और दोहराना
(3) विषय-वस्तु को यंत्रवत याद करना
(4) संकल्पनाओं के बीच संबंध खोजना
6. एक अध्यापिका को, दिये गए किसी कार्यकलाप में छात्रों की विभिन्न त्रुटियों का विश्लेषण करना चाहिए, क्योंकि
(1) इसके आधार पर वह ज्यादा त्रुटियाँ करने वाले छात्रों को दूसरे छात्रों से अलग कर सकती है।
(2) अधिगम केवल त्रुटियों के शोधन पर निर्भर
(3) इसके आधार पर वह दंड की मात्रा निर्धारित कर सकती है।
(4) त्रुटियों की समझ, अध्यापन-अधिगम प्रक्रिया के लिए अर्थपूर्ण है।
7. अधिगम की अभिप्रेरणा को किस प्रकार कायम रखा जा सकता है ?
(1) बच्चों को बहुत आसान क्रियाकलाप देकर ।
(2) यंत्रवत याद करने पर जोर देकर ।
(3)बच्चे को दंड देकर ।
(4) प्रवीणता-अभिमुखी लक्ष्यों पर जोर देकर।
8. शर्मिंदगी
(1) बच्चों को अधिगम हेतु अभिप्रेरित करने के
लिए बहुत प्रभावशाली है।
(2) के भाव को अध्यापन-अधिगम प्रक्रिया में बारंबार पैदा करना चाहिए ।
(3) का संज्ञान से कोई संबंध नहीं है।
(4) का संज्ञान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
9. अधिगम का संरचनात्मक विचार यह सुझाव देता है कि ज्ञान की संरचना में
(1) बच्चे सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
(2) बच्चे पूर्ण रूप से पाठ्य-पुस्तकों पर निर्भर रहते हैं।
(3) बच्चों की कोई भूमिका नहीं होती।
(4) बच्चे पूर्ण रूप से वयस्कों पर निर्भर रहते
10. अधिगम के लिए निम्न में से कौन-सी धारणा उपयुक्त है ?
(1) प्रयासों से कोई फर्क नहीं पड़ता।
(2) असफलता अनियंत्रित है।
(3) योग्यता सुधार्य है।
(4) योग्यता अटल है।
11 . निम्न में से कौन-सी परिपाटी, विद्यार्थियों में संकल्पनात्मक समझ में बढ़ोतरी करने में सहायक है ?
(1) बारंबार परीक्षाएँ
(2) अन्वेषण और संवाद
(3) प्रतिस्पर्धा आधारित प्रतिस्पर्धाएँ
(4) पाठ्य-पुस्तक-केंद्रित शिक्षाशास्त्र
12. बच्चों को सीखने में कठिनाई होती है, जब -
(1) अधिगम सामाजिक संदर्भ में हो।
(2) विषय-वस्तु को बहुरूपों में प्रस्तुत किया गया हो।
(3) सूचना अलग-अलग टुकड़ों में प्रस्तुत की जाए।
(4) वो आंतरिक रूप से अभिप्रेरित हो।
13. अधिगम की सर्वोत्तम अवस्था कौन सी है ?
(1) संतुलित उत्तेजना, कोई भय नहीं
(2) कोई उत्तेजना नहीं, कोई भय नहीं
(3) उच्च उत्तेजना, उच्च भय
(4) निम्न उत्तेजना, उच्च भय
14. बच्चों के विकास की व्यक्तिगत विभिन्नताओं को किस पर प्रतिरोपित किया जा सकता है ?
(1) ना आनुवंशिकता पर ना पर्यावरण पर
2) आनुवंशिकता एवम् पर्यावरण की पारस्परिकता पर
(3) केवल आनुवंशिकता पर
(4) केवल पर्यावरण पर
15. एक कार्य के दौरान, सायना स्वयं से बात कर रही है कि वह कार्य पर किस प्रकार प्रगति कर सकती है । लेव वायगोत्स्की के भाषा और चिंतन/सोच के बारे में दिए गए विचारों के अनुसार, इस तरह का व्यक्तिगत वाक' क्या दर्शाता है ?
(1) आत्म-केन्द्रिता
(2) मनोवैज्ञानिक विकार
(3) संज्ञानात्मक अपरिपक्वता ।
(4) स्व: नियमन
16. मूल्यांकन पद्धतियों का लक्ष्य होना चाहिए -
(1) विद्यार्थियों की जरूरतों एवम् आवश्यकताओं की पहचान करना।
(2) पुरस्कार-वितरण हेतु उच्च-अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की पहचान करना।
(3) विद्यार्थियों को नामांकित करना ।
(४) योग्यता-आधारित समूहों में विद्यार्थियों को विभाजित करना।
17. एक गतिविधि के दौरान, छात्रों को संघर्ष करते देख, एक अध्यापिका बच्चों को संकेत और इशारे जैसे - 'क्या, क्यों, कैसे' प्रदान करने का फैसला लेती है। लेव वायगोत्स्की के सिद्धांत के अनुसार, अध्यापिका की यह योजना --
(1) छात्रों में प्रत्याहार/निकास प्रवृत्तियाँ पैदा करेगी।
(2) अधिगम की प्रक्रिया में अर्थहीन होगी।
(3) बच्चों को अधिगम के लिए अनुत्प्रेरित/निष्प्रेरित करेगी।
(4) अधिगम के लिए पाड़/आधारभूत संरचना का काम करेगी।
18. एक खेल क्रिया के दौरान चोट लगने पर रोहन रोने लगा । यह देखकर उसके पिता ने कहा, “लड़कियों की तरह व्यवहार ना करो; लड़के रोते नहीं हैं ।” पिता का यह कथन -
(1) लैंगिक भेदभाव को कम करता है।
(2) लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है।
(3) लैंगिक रूढ़िवादिताओं को दर्शाता है।
(4) लैंगिक रूढ़िवादिताओं को चुनौती देता है
19. एक प्रगतिशील कक्षा में -
(1) ज्ञान की संरचना के लिए प्रचुर मौके प्रदान करने चाहिए।
(2) विद्यार्थियों को उनके अकादमिक अंकों के आधार पर नामांकित करना चाहिए।
(3) अध्यापक को अटल पाठ्यक्रम का पालन करना चाहिए।
(4) विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा पर बल देना चाहिए।
20. लॉरेंस कोलबर्ग के सिद्धांत के अनुसार, "किसी कार्य को इसीलिए करना, क्योंकि दूसरे इसे स्वीकृति देते हैं", नैतिक विकास के चरण को दर्शाता है।
(1) उत्तर-प्रथागत
(2) अमूर्त सक्रियात्मक
(3) प्रथा-पूर्व
(४) प्रथागत
21. बच्चों के समाजीकरण के संदर्भ में निम्न में से कौन सा कथन सही है ?
(1) समकक्षी समाजीकरण के प्राथमिक कारक हैं और परिवार समाजीकरण का एक द्वितीयक कारक है।
(2) परिवार एवम् जन-संचार दोनों समाजीकरण के द्वितीयक कारक हैं।
(३) विद्यालय समाजीकरण का एक द्वितीयक कारक है और परिवार समाजीकरण का एक प्राथमिक कारक है।
(४) विद्यालय समाजीकरण का एक प्राथमिक कारक है और समकक्षी समाजीकरण के द्वितीयक कारक हैं।
22. बहु-बुद्धि का सिद्धांत जोर देता है कि
(1) बुद्धिमत्ता की विभिन्न दशाएँ हैं।
(2) बुद्धिमत्ता में कोई व्यक्तिगत विभिन्नताएँ नहीं होती हैं।
(3) बुद्धि-लब्धि केवल वस्तुनिष्ठ परीक्षणों द्वारा ही मापी जा सकती है।
(4) एक आयाम में बुद्धिमत्ता, अन्य सभी आयामों में बुद्धिमत्ता निर्धारित करती है।