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बक्सर - एक धार्मिक , ऐतिहासिक एवं खुबसूरत नगर सम्पूर्ण जानकारी | BUXAR

 

बक्सर कहा स्थित है -

 बक्सर बिहार के पश्चिम सीमा पर गंगा के तट एवं रेलवे लाइन पर  स्थित है एक धार्मिक ,पौराणिक एवं ऐतिहासिक  शहर है | जिसके कुछ सीमा  यूपी से  सटा हुआ  है | यह शहर  बिहार के राजधानी शहर पटना से 124 किमी दूर स्थित है | हवाई जहाज से बक्सर जाने के लिए आपको  पटना (बिहटा) एअरपोर्ट पर उतरना होगा | बक्सर रेल मार्ग से भी आसानी से जा सकते है क्यों यह शहर रेलवे लाइन पर स्थित है  | रोड मार्ग  से भी आप यहा  आसानी से जा सकते है |


बक्सर  का नामकरण  -

प्राचीन  काल में इसका नाम 'व्याघ्रसर' था। क्योंकि उस समय यहाँ पर बाघों का निवास हुआ करता था |बक्सर का नाम बक्सर कब हुआ इसकी स्पस्ट जानकारी नही है |


बक्सर का गौरवपूर्ण इतिहास -

 बक्सर का  इतिहास गौरवपूर्ण रहा है।भारत का कोइ  ऐसा व्यक्ति नही जो बक्सर के बारे में नही जनता हो | बक्सर में गुरु विश्वामित्र का आश्रम था। यहीं पर राम और लक्ष्मण का प्रारम्भिक शिक्षण-प्रशिक्षण हुआ। प्रसिद्ध ताड़का राक्षसी का वध राम द्वारा बक्सर में ही  किया गया था। 1764 ई॰ का 'बक्सर का युद्ध' भी इतिहास प्रसिद्ध है।मान्यता है कि एक महान पवित्र स्थल के रूप में पहले इसका मूल नाम 'वेदगर्भ' था। कहा जाता है कि वैदिक मंत्रों के बहुत से रचयिता इस नगर में रहते थे। इसका संबंध भगवान राम के प्रारंभिक जीवन से भी जोड़ा जाता है।


उत्खनन-

मौर्यकाल की अनेक सुंदर लघु मूर्तियाँ बक्सर उत्खनन में प्राप्त हुई थीं जो अब पटना संग्रहालय में सुरक्षित हैं।


जनसँख्या

2011 की जनगणना के अनुसार बक्सर ज़िले की कुल जनसंख्या लगभग 1,707,643 है।


बक्सर का किला -

बक्सर में ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर पग-पग पर मौजूद हैं। इन ऐतिहासिक धरोहरों मे से एक है बक्सर का किला जिसका निर्माण बिहार के राजा भोजदेव ने करवाया था। हालांकि इस किले के बारे में ज्यादा जानने को नहीं मिलता, लेकिन अगर आप इतिहास के पन्ने खंगाले तो इसका जिक्र अवश्य मिलेगा।समय के साथ-साथ यह खंडहरनुमा किला टूट-टूट कर बिखरने पर है लेकिन इसका महत्व आज भी बरकरार है। वर्तमान में किले के मैदान पर जन सभाओं और जिला स्तर पर बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह किला बक्सर के गौरवशाली इतिहास के बहुत प्रमाणों में से एक है |


बक्सर का का  युद्ध - 

बक्सर की लड़ाई 1764 में अंग्रेजों और बंगाल-अवध के नवाब के बीच लड़ी गई थी, जिसमें मुगल शासक शाह आलम द्वितीय ने नवाबों का साथ दिया था।इस युद्ध में शुजाउद्दौला और कासिम अली खाँ के लगभग २,००० सैनिक डूब गए या मारे थे।

बक्सर की लड़ाई ईस्ट इंडिया कंपनी के मुनरो और मुगल-नवाबों के बीच लड़ी गई थी। अंग्रेजों को खदड़ने के लिए बंगाल (मीर कासिम), अवध (शुजाउद्दौला) के नवाब और मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय ने संयुक्त अभियान चलाया था। लेकिन इस लड़ाई में ब्रिटिश सेना का पलड़ा भारी रहा और नवाबों को हार का मुंह देखना पड़ा।



बक्सर की  अर्थ-व्यवस्था


यहाँ की अर्थ-व्यवस्था मुख्य रूप से खेतीबारी पर आधारित है।


बक्सर में मेला -

कार्तिक पूर्णिमा को यहाँ बड़ा मेला लगता है, जिसमें लाखों व्यक्ति इकट्ठे होते हैं।


नौलखा मंदिर बक्सर-

बिहार के ऐतिहासिक शहर बक्सर में ऐतिहासिक धरोहरों के अलावा खूबसूरत धार्मिक स्थान भी मौजूद हैं। जिले का नौलखा मंदिर अपने नाम की तरह काफी खूबसूरत और आकर्षक है। यह एक हिन्दू मंदिर है जिसके दर्शन करने के लिए न सिर्फ श्रद्धालु आते हैं बल्कि पर्यटकों का भी आना जाना यहां लगा रहता है। यहा रोज मन्दिर आरती होती है आरती के समय भक्तो की भीड़ बढ़ जाती है |


 

बक्सर से सम्बन्धित अन्य जानकारी 

  • बक्सर में   उपरोक्त स्थानों के अलावा और भी कई देखने योग्य स्थान हैं। आप यहां के चौसा होर्ड नामक स्थान का भ्रमण कर सकते हैं। चौसा के  चौसा होर्ड  एक विशेष आम की प्रजाति 'चौसा' के लिए काफी प्रसिद्ध है ।

  • बक्सर के  गंगा की घाटी में प्राचीन कांशे के बने अवशेष प्राप्त हुए है । जिनमें से 18 जैन ब्रान्ज़ शामिल हैं। 

  • बक्सर में  पंचकोशी परिक्रमा के दर्शन कर सकते हैं। यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जहां दर्शन के लिए श्रद्धालु आते हैं।

  •  आप  बक्सर में  नाथ बाबा का मंदिर, बिहारजी मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं।

  • बक्सर स्थित राजा भोज का किला भी मुख्य आकर्षणों में गिना जाता है, जिसे राजा भोज ने बनवाया था। यहां स्थित सिद्धाश्रम भी मुख्य धार्मिक स्थानों में गिना जाता है। कहा जाता कि यहां ऋषि विश्वामित्र 8000 से  ज्यादा  साधुओं के साथ  निवास करते  थे। जहा अपने गुरु के आदेश पर  भगवान राम और लक्ष्मण ने मारीच और सुभाऊ को मारा था। जिससे अब लोगो को विस्वास हो गया की राम कोए समान्य मानव नही है , और अब राक्षसों का अंत होने वाला है |

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