भौतिकी : विविध तथ्य
(Physics : Miscellaneous facts)
- किसी वस्तु के द्रव्यमान व वेग के गुणनफल को संवेग कहते हैं।
- जब कोई सेना की टुकड़ी पुल को पार करती है, तो सैनिकों को कदम से कदम मिलाकर नहीं चलने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे अनुनाद के कारण पुल टूटने का खतरा बना रहता है।
- किसी वस्तु को जब द्रव में डुबाया जाता है, तो उसके भार में कमी उसके द्वारा विस्थापित किये गये द्रव के भार के बराबर होती है।
- ध्वनि तरंगें निर्वात में गमन नहीं कर सकतीं।
- प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण आकाश का रंग नीला दिखायी देता है।
- हाइग्रोमीटर से वायु की आर्द्रता मापी जाती है।
- भूस्थिर उपग्रह का परिक्रमण काल 24 घंटे होता है तथा इसकी पृथ्वी से ऊँचाई 36,000 किमी. होती है।
- चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान पृथ्वी पर इसके मान का g/6 होता है।
- यदि किसी उपग्रह से कोई पिण्ड छोड़ दिया जाये, तो पिण्ड उपग्रह के साथ पृथ्वी का चक्कर लगाता रहेगा।
- गुरुत्वीय त्वरण का मान पृथ्वी के केन्द्र पर शून्य होता है। प्रकाश तरंगों का ध्रुवण प्रकाश तरंगों के अनुप्रस्थ प्रकृति की पष्टि करता है।
- अप्रगामी तरंगों द्वारा ऊर्जा का संचरण नहीं होता।
- साबुन के बुलबुले व्यतिकरण के कारण रंगीन दिखाई पड़ते हैं।
- सीस्मोग्राफ द्वारा भूकम्प तरंगों को चित्रित किया जाता है।
- जब किसी पिण्ड की वायु में चाल, ध्वनि की चाल से अधिक होती है, तो इसे पराध्वनिक चाल कहते हैं।
- ध्वनि तरंगें निर्वात में नहीं चल सकतीं।
- दाब परिवर्तन का ध्वनि की चाल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
- 10 ताप बढाने पर वायु में ध्वनि की चाल 0.61 मीटर प्रति सेकेण्ड बढ़ जाती है।
- केन्डिला ज्योति तीव्रता का मात्रक है।
- वायु का बुलबुला जल में अवतल लेंस की भाँति व्यवहार करता है।
- लेंस की क्षमता का मात्रक डायोप्टर (D) या प्रति मीटर है।
- चाबी भरी हुई घड़ी में स्थितिज ऊर्जा संचित रहती है।
- पृथ्वी द्वारा सूर्य का चक्कर लगाने में किया गया कार्य शून्य होता है।
- कार्य की माप वस्तु पर लगाये गये बल व बल की दिशा में हुये विस्थापन के गुणनफल के बराबर होती है।
- पहाड़ों पर चढ़ते समय व्यक्ति आगे की ओर झुक जाता है, ताकि उसके गुरुत्व-केन्द्र से होकर गुजरने वाली रेखा उसके पैरों के नीचे से होकर जाये।
- पीसा की मीनार तिरछी होते हए भी नहीं गिरती, क्योंकि उसके गुरुत्व-केंद्र से होकर जाने वाली रेखा आधार से होकर गुजरती है।
- किसी वस्तु का गुरुत्व-केंद्र वह बिन्दु है, जहाँ वस्तु का समस्त भार कार्य करता है।
- न्यूटन से पहले आर्यभट्ट ने बताया था कि पृथ्वी सभी वस्तुओं को अपनी ओर खींचती है।