दिनांक 07 / 06 / 2020 को समाचार पत्र में प्रेषित समाचार में कहा गया है कि " पुस्तकालय के कार्य शैली की समीक्षा पर ही बहाली निर्भर करेगी " वर्ष 2008 में 2596 रिक्त सीटों पर प्रथम बार बिहार राज्य में पुस्तकालय अधिनियम 2008 लागू कर पंचायती राज के तहत पुस्तकालयाध्यक्षों के पद पर माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियोजन इकाइयों के द्वारा बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ की गई।----------------- विगत 12 वर्षों से यह प्रक्रिया चलती आ रही है इस नियोजन की प्रक्रिया पर अनेकों केस हुए एवं अनेकों शेड्यूल आते रहें पर मनमाने तरीके से बहाली की प्रक्रिया नियोजन इकाइयों के द्वारा चलता रहा ।----------------सी डब्ल्यू जे सी नंबर ( cwjc no.)15738 / 2010 के पारित आदेश में इस नियोजन को केंद्रीकृत करने तथा पुस्तकालय के समुचित संचालन हेतु नियमावली बनाने की बात कही गई थी पारित आदेश के प्रत्युत्तर में माननीय निदेशक माध्यमिक शिक्षा शिक्षा विभाग बिहार पटना के द्वारा निर्गत ज्ञापांक 11 / मु 1 - 118 / 2014 / 1227 पटना दिनांक 0 1 / अगस्त / 2016 में लिखा गया है कि पुनः 23 / अगस्त / 2014 को बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ की गई अधिकांश जिलों में नियोजन की प्रक्रिया संपन्न कर ली गई है लेकिन कुछ जिलों में नियोजन इकाइयों द्वारा रूचि नहीं लेने तथा उनकी स्वेच्छाचारीता के कारण नियोजन की प्रक्रिया संपन्न नहीं हुई है ऐसे नियोजन इकाइयों को चिन्हित कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी ।---------- इस ज्ञापांक 1227 दिनांक 01 /08 / 2016 के प्रत्युत्तर में कहना है कि विगत 12 साल बीत जाने पर भी ऐसे नियोजन इकाइयों को चिन्हित कर नियमानुसार कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है मुजफ्फरपुर मधुबनी बेगूसराय समस्तीपुर आदि नियोजन इकाइयों पर । ------------( 01 )सी डब्ल्यू जे सी नंबर 15738 / 2010 के प्रत्युत्तर में ज्ञापंन 1227 / 2016 में लिखा गया है कि अराजकीय वर्गीकृत पुस्तकालयों के सेवा शर्तो एवं नियमावली बनाने का कार्य बिहार राज्य सार्वजनिक पुस्तकालय एवं सूचना केंद्र प्राधिकार बिहार के क्षेत्राधिकार में आता है वर्तमान में प्राधिकार के माननीय अध्यक्ष एवं सदस्यों का पद रिक्त है इसलिए तत्काल नीतिगत निर्णय लेने में कठिनाई है । ----------( 02 ) ज्ञापांक 1227 / 2016 के प्रत्युत्तर में कहना है कि पुस्तकालय अधिनियम 2008 लागू कर दिया गया बिहार राज्य में इस अधिनियम के तहत पुस्तकालय अध्यक्षों की बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई लेकिन पुस्तकालय संचालन के लिए नियम ही नहीं बना बिहार राज्य में कैसी नियुक्ति बहाली प्रक्रिया है , ---------- ( 03 ) सी डब्ल्यू जे सी नंबर 15738 / 2010 के वादी संख्या 04 के संजीव कुमार राय को पुस्तकालय अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए किसी प्रकार का व्यक्तित्व स्वतंत्रता एवं छूट नहीं दी गई पुनः बादी संख्या 04 ने माननीय उच्च न्यायालय में सी डब्ल्यू जे सी (cwjc no . 18213 / 2019 ) नंबर 18213 / 2019 में केस किया इस केस के पारित आदेश में नियुक्ति के पक्ष में आदेश होते हुए भी विभाग एवं सभी नियोजन इकाइयों द्वारा बरगलाया जा रहा है , ---------- ( 04 )सी डब्ल्यू जे सी नंबर 15738 / 2010 , सीयूजी नंबर 18213 / 2019 द्वारा पारित आदेश के प्रत्युत्तर में माननीय निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग बिहार पटना के ज्ञापांक 1227 दिनांक 01 / 08 / 2016 एवं ज्ञापांक 760 दिनांक 21 / 04 / 2020 के आदेश को बरगलाया गया ( कोर्ट के आदेश को विभाग ने बरगलाया या गुमराह किया ) और विभाग आज तक पुस्तकालय के समुचित संचालन हेतु कोई ठोस नियमावली नहीं बना सकी । , -------- ( 05 )अब तक पुस्तकालय के सुचारू संचालन हेतु कोई स्थाई ठोस बजट नहीं है ताकि समाचार पत्र मासिक पत्र-पत्रिकाओं, उपस्कर आदि की खरीद पर खर्च हो सके । -----------( 06 ) नियमावली के अनुसार पुस्तकों का परिसंचरण हो सके और पुस्तकालय अपने दायित्वों को पूर्ण कर सके वर्तमान में कार्यशैली की समीक्षा बीमार / दिव्यांग को बगैर बैसाखी के दौरानी के समान है ।, -------- ------ ( 07 ) इस नियोजन में इतनी धांधली हुई है कि लगभग सभी नियोजन इकाइयों को न्यूनतम मेगा अंक सहित कोटीवार बचे हुए रिक्त पदों की सूचना आर.टी.आई .( R .T .I .)के तहत मांगने पर भी नहीं दी जाती है । ,------------- ( 08 ) माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज हुए पुस्तकालय अध्यक्षों के डिग्री विश्वविद्यालय के पुनरनियोजन हेतु भी पत्रांक 830 दिनांक 15 / 06 / 2020 निदेशक माध्यमिक शिक्षा बिहार पटना द्वारा जिला जहानाबाद के लिए विशेष निर्देश जारी किया गया ।, ---------- ( 09 ) सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा मान्यता रद्द विश्वविद्यालयों में से मात्र 56 अलगप्पा विश्वविद्यालय के अभ्यर्थियों को संघर्ष का लाभ देने का आदेश दिया था परंतु माध्यमिक निदेशक द्वारा सभी नियोजन इकाइयों को आदेश दिया गया अलगप्पा विश्वविद्यालय के अभ्यर्थियों को वैध मानकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को बता दिया गया । , ------ ( 10 ) वर्ष 2008 में निकाली गई पुस्तकालय अध्यक्ष के पद की रिक्ति 2596 सीट थी जबकि उसको घटाकर 2547 कर दिया गया बहाली की प्रक्रिया के समय अभी भी लगभग 651 सीट से भी ज्यादा सीटें खाली रह गई है जिस पर अभी तक नियुक्ति नहीं हो पाई है । , ------------- ( 11 ) आलम यह है कि कहीं राज्य सरकार द्वारा अमान्य घोषित Blib डिग्री धारी विश्वविद्यालय वाले पुस्तकालयाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किए गए हैं । और वैध या जुनून विश्वविद्यालय वाले से प्राप्त Blib की डिग्री धारी अभ्यावेदक सड़क पर धूल फाकते आ रहे हैं ।, -------( 12 ) सरकार BLIS डिग्री धारी बेरोजगार छात्रों के भविष्य के साथ मजाक करते आ रही है अब तक कई शेड्यूल दिए जा चुके हैं और नियोजन इकाई इस ( schedule )शेड्यूल पर बहाली नहीं करती आ रही है माध्यमिक शिक्षा निदेशक के ज्ञापन के आदेश का अपमान ना करते आ रही है । -----(13 ) विभाग और शिक्षा विभाग के माध्यमिक निदेशक इन नियोजन इकाइयों पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करती है जिस वजह से इन नियोजन इकाइयों के पदाधिकारियों का मनोबल ऊंचा होता जा रहा है। -------- ( 14 ) बहुतो नियोजन इकाइयों में रोस्टर रजिस्टर या तो नहीं है अगर है भी तो कोटी बाई न्यूनतम मेगा अंक के साथ जानकारी नहीं दी जाती है जो नियुक्ति की प्रक्रिया पर संदेह के तरफ इशारा करती है। ( 15 ) ज्ञातव्य हो कि राज्य सरकार द्वारा विद्यालयों में पुस्तकालयाध्यक्षों के पद पर बहाली की यह पहली नियोजन प्रक्रिया थी । अभ्यर्थी रहते हुये भी पुस्तकालयाध्यक्षो के पद रिक्त रहते हुए भी नियुक्ति प्रक्रिया संपन्न नहीं हो पाई । ----------/ ( 16 ) पुस्तकालय अध्यक्षों के पद रिक्त रहते हुए भी विभागीय लापरवाही के कारण इनमें से बहुत अभ्यार्थी पुस्तकालय अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर , केस जीत कर भी बेरोजगार भटक रहे हैं । --------(1 7 ) इनमें से अधिकतर अभ्यार्थियों के उम्र सीमा भी समाप्त हो चुकी है अगले नियोजन के लिए । ( 18 ) कुल मिलाकर इस वैकेंसी की स्थिति दारुण दुखदाई है । ( 19 )बिहार सरकार पुस्तकालयाध्यक्षों के 2596 सीट को माध्यमिक एवं +2 माध्यमिक विद्यालयों में नियोजन इकाइयों के द्वारा भर्ती करने या नियुक्ति करने में विफल साबित होते आ रही है।, --------( 20 ) कई वर्षों से 2008 के बचे हुए बेरोजगार BLIS डिग्री धारियों को रोजगार पुस्तकालयाध्यकक्षो् के रिक्त परे सीट पर, नियुक्त कर, बेरोजगार अभ्यावेदन को को रोजगार दे । ( 21 ) कई वर्षों से सरकार नियोजन को पंचायती राज के नाम पर नियोजन को केंद्रीयकृत करना नहीं चाहती और बहाली प्रक्रिया को टालते आ रही है।।।।–----------निवेदक : 2008 के बचे हुए BLIS प्रशिक्षित डिग्री धारी अनियोजित पुस्तकालय बेरोजगार संघ।🙏
बिहार पुस्तकालय अध्यक्ष बहाली | BIHAR LIBRARY BAHALI NEWS UPDATE
June 19, 2020
0
दिनांक 07 / 06 / 2020 को समाचार पत्र में प्रेषित समाचार में कहा गया है कि " पुस्तकालय के कार्य शैली की समीक्षा पर ही बहाली निर्भर करेगी " वर्ष 2008 में 2596 रिक्त सीटों पर प्रथम बार बिहार राज्य में पुस्तकालय अधिनियम 2008 लागू कर पंचायती राज के तहत पुस्तकालयाध्यक्षों के पद पर माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियोजन इकाइयों के द्वारा बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ की गई।----------------- विगत 12 वर्षों से यह प्रक्रिया चलती आ रही है इस नियोजन की प्रक्रिया पर अनेकों केस हुए एवं अनेकों शेड्यूल आते रहें पर मनमाने तरीके से बहाली की प्रक्रिया नियोजन इकाइयों के द्वारा चलता रहा ।----------------सी डब्ल्यू जे सी नंबर ( cwjc no.)15738 / 2010 के पारित आदेश में इस नियोजन को केंद्रीकृत करने तथा पुस्तकालय के समुचित संचालन हेतु नियमावली बनाने की बात कही गई थी पारित आदेश के प्रत्युत्तर में माननीय निदेशक माध्यमिक शिक्षा शिक्षा विभाग बिहार पटना के द्वारा निर्गत ज्ञापांक 11 / मु 1 - 118 / 2014 / 1227 पटना दिनांक 0 1 / अगस्त / 2016 में लिखा गया है कि पुनः 23 / अगस्त / 2014 को बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ की गई अधिकांश जिलों में नियोजन की प्रक्रिया संपन्न कर ली गई है लेकिन कुछ जिलों में नियोजन इकाइयों द्वारा रूचि नहीं लेने तथा उनकी स्वेच्छाचारीता के कारण नियोजन की प्रक्रिया संपन्न नहीं हुई है ऐसे नियोजन इकाइयों को चिन्हित कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी ।---------- इस ज्ञापांक 1227 दिनांक 01 /08 / 2016 के प्रत्युत्तर में कहना है कि विगत 12 साल बीत जाने पर भी ऐसे नियोजन इकाइयों को चिन्हित कर नियमानुसार कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है मुजफ्फरपुर मधुबनी बेगूसराय समस्तीपुर आदि नियोजन इकाइयों पर । ------------( 01 )सी डब्ल्यू जे सी नंबर 15738 / 2010 के प्रत्युत्तर में ज्ञापंन 1227 / 2016 में लिखा गया है कि अराजकीय वर्गीकृत पुस्तकालयों के सेवा शर्तो एवं नियमावली बनाने का कार्य बिहार राज्य सार्वजनिक पुस्तकालय एवं सूचना केंद्र प्राधिकार बिहार के क्षेत्राधिकार में आता है वर्तमान में प्राधिकार के माननीय अध्यक्ष एवं सदस्यों का पद रिक्त है इसलिए तत्काल नीतिगत निर्णय लेने में कठिनाई है । ----------( 02 ) ज्ञापांक 1227 / 2016 के प्रत्युत्तर में कहना है कि पुस्तकालय अधिनियम 2008 लागू कर दिया गया बिहार राज्य में इस अधिनियम के तहत पुस्तकालय अध्यक्षों की बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई लेकिन पुस्तकालय संचालन के लिए नियम ही नहीं बना बिहार राज्य में कैसी नियुक्ति बहाली प्रक्रिया है , ---------- ( 03 ) सी डब्ल्यू जे सी नंबर 15738 / 2010 के वादी संख्या 04 के संजीव कुमार राय को पुस्तकालय अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए किसी प्रकार का व्यक्तित्व स्वतंत्रता एवं छूट नहीं दी गई पुनः बादी संख्या 04 ने माननीय उच्च न्यायालय में सी डब्ल्यू जे सी (cwjc no . 18213 / 2019 ) नंबर 18213 / 2019 में केस किया इस केस के पारित आदेश में नियुक्ति के पक्ष में आदेश होते हुए भी विभाग एवं सभी नियोजन इकाइयों द्वारा बरगलाया जा रहा है , ---------- ( 04 )सी डब्ल्यू जे सी नंबर 15738 / 2010 , सीयूजी नंबर 18213 / 2019 द्वारा पारित आदेश के प्रत्युत्तर में माननीय निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग बिहार पटना के ज्ञापांक 1227 दिनांक 01 / 08 / 2016 एवं ज्ञापांक 760 दिनांक 21 / 04 / 2020 के आदेश को बरगलाया गया ( कोर्ट के आदेश को विभाग ने बरगलाया या गुमराह किया ) और विभाग आज तक पुस्तकालय के समुचित संचालन हेतु कोई ठोस नियमावली नहीं बना सकी । , -------- ( 05 )अब तक पुस्तकालय के सुचारू संचालन हेतु कोई स्थाई ठोस बजट नहीं है ताकि समाचार पत्र मासिक पत्र-पत्रिकाओं, उपस्कर आदि की खरीद पर खर्च हो सके । -----------( 06 ) नियमावली के अनुसार पुस्तकों का परिसंचरण हो सके और पुस्तकालय अपने दायित्वों को पूर्ण कर सके वर्तमान में कार्यशैली की समीक्षा बीमार / दिव्यांग को बगैर बैसाखी के दौरानी के समान है ।, -------- ------ ( 07 ) इस नियोजन में इतनी धांधली हुई है कि लगभग सभी नियोजन इकाइयों को न्यूनतम मेगा अंक सहित कोटीवार बचे हुए रिक्त पदों की सूचना आर.टी.आई .( R .T .I .)के तहत मांगने पर भी नहीं दी जाती है । ,------------- ( 08 ) माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज हुए पुस्तकालय अध्यक्षों के डिग्री विश्वविद्यालय के पुनरनियोजन हेतु भी पत्रांक 830 दिनांक 15 / 06 / 2020 निदेशक माध्यमिक शिक्षा बिहार पटना द्वारा जिला जहानाबाद के लिए विशेष निर्देश जारी किया गया ।, ---------- ( 09 ) सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा मान्यता रद्द विश्वविद्यालयों में से मात्र 56 अलगप्पा विश्वविद्यालय के अभ्यर्थियों को संघर्ष का लाभ देने का आदेश दिया था परंतु माध्यमिक निदेशक द्वारा सभी नियोजन इकाइयों को आदेश दिया गया अलगप्पा विश्वविद्यालय के अभ्यर्थियों को वैध मानकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को बता दिया गया । , ------ ( 10 ) वर्ष 2008 में निकाली गई पुस्तकालय अध्यक्ष के पद की रिक्ति 2596 सीट थी जबकि उसको घटाकर 2547 कर दिया गया बहाली की प्रक्रिया के समय अभी भी लगभग 651 सीट से भी ज्यादा सीटें खाली रह गई है जिस पर अभी तक नियुक्ति नहीं हो पाई है । , ------------- ( 11 ) आलम यह है कि कहीं राज्य सरकार द्वारा अमान्य घोषित Blib डिग्री धारी विश्वविद्यालय वाले पुस्तकालयाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किए गए हैं । और वैध या जुनून विश्वविद्यालय वाले से प्राप्त Blib की डिग्री धारी अभ्यावेदक सड़क पर धूल फाकते आ रहे हैं ।, -------( 12 ) सरकार BLIS डिग्री धारी बेरोजगार छात्रों के भविष्य के साथ मजाक करते आ रही है अब तक कई शेड्यूल दिए जा चुके हैं और नियोजन इकाई इस ( schedule )शेड्यूल पर बहाली नहीं करती आ रही है माध्यमिक शिक्षा निदेशक के ज्ञापन के आदेश का अपमान ना करते आ रही है । -----(13 ) विभाग और शिक्षा विभाग के माध्यमिक निदेशक इन नियोजन इकाइयों पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करती है जिस वजह से इन नियोजन इकाइयों के पदाधिकारियों का मनोबल ऊंचा होता जा रहा है। -------- ( 14 ) बहुतो नियोजन इकाइयों में रोस्टर रजिस्टर या तो नहीं है अगर है भी तो कोटी बाई न्यूनतम मेगा अंक के साथ जानकारी नहीं दी जाती है जो नियुक्ति की प्रक्रिया पर संदेह के तरफ इशारा करती है। ( 15 ) ज्ञातव्य हो कि राज्य सरकार द्वारा विद्यालयों में पुस्तकालयाध्यक्षों के पद पर बहाली की यह पहली नियोजन प्रक्रिया थी । अभ्यर्थी रहते हुये भी पुस्तकालयाध्यक्षो के पद रिक्त रहते हुए भी नियुक्ति प्रक्रिया संपन्न नहीं हो पाई । ----------/ ( 16 ) पुस्तकालय अध्यक्षों के पद रिक्त रहते हुए भी विभागीय लापरवाही के कारण इनमें से बहुत अभ्यार्थी पुस्तकालय अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर , केस जीत कर भी बेरोजगार भटक रहे हैं । --------(1 7 ) इनमें से अधिकतर अभ्यार्थियों के उम्र सीमा भी समाप्त हो चुकी है अगले नियोजन के लिए । ( 18 ) कुल मिलाकर इस वैकेंसी की स्थिति दारुण दुखदाई है । ( 19 )बिहार सरकार पुस्तकालयाध्यक्षों के 2596 सीट को माध्यमिक एवं +2 माध्यमिक विद्यालयों में नियोजन इकाइयों के द्वारा भर्ती करने या नियुक्ति करने में विफल साबित होते आ रही है।, --------( 20 ) कई वर्षों से 2008 के बचे हुए बेरोजगार BLIS डिग्री धारियों को रोजगार पुस्तकालयाध्यकक्षो् के रिक्त परे सीट पर, नियुक्त कर, बेरोजगार अभ्यावेदन को को रोजगार दे । ( 21 ) कई वर्षों से सरकार नियोजन को पंचायती राज के नाम पर नियोजन को केंद्रीयकृत करना नहीं चाहती और बहाली प्रक्रिया को टालते आ रही है।।।।–----------निवेदक : 2008 के बचे हुए BLIS प्रशिक्षित डिग्री धारी अनियोजित पुस्तकालय बेरोजगार संघ।🙏
Tags