Type Here to Get Search Results !

भगवान शिव एवं महा शिवरात्रि की पूरी जानकारी || BHGVAN SHIV AEVM MHA SHIVRATRI - BY AB JANKARI

महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। यह भगवान शिव का प्रमुख पर्व है।   शिवरात्रि पर्व व्रतराज के नाम से भी विख्यात हैं। 

यमराज के शासन को मिटाने वाली पर्व
                                                          महा शिवरात्रि यमराज के शासन को मिटाने वाली पर्व हैं और शिवलोक को प्राप्त करने वाली एक मात्र व्रत हैं।
महाशिवरात्रि कब पर्व मनाया जाता है-
                                                      फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। 
सृष्टि का प्रारंभ-
                     माना जाता है कि सृष्टि का प्रारंभ महाशिवरात्रि के  दिन से हुआ। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरम्भ अग्निलिंग ( जो महादेव का विशालकाय स्वरूप है ) के उदय से हुआ।
शिव का विवाह-
                   महा शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है|भारत सहित पूरी दुनिया में महाशिवरात्रि का पावन पर्व बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है|
कश्मीर-
कश्मीर शैव मत में इस त्यौहार को हर-रात्रि और बोलचाल में 'हेराथ' या 'हेरथ' भी कहा जाता है ||

देवों के देव महादेव और माता पार्वती की शादी की सालगिरह

देवों के देव महादेव और माता पार्वती की शादी की सालगिरह के रूप में पुरे भारतवर्ष में शिव भक्तों द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार है महाशिवरात्रि। दुसरे सभी प्रमुख त्यौहार जो की दिन में मनाएं जाते है महाशिवरात्रि इन सभी त्यौहारों के विपरीत रात में मनाई जाती।  
समुद्र मंथन  और महाशिवरात्रि 
                                                 समुद्र मंथन अमर अमृत का उत्पादन करने के लिए निश्चित थी, लेकिन इसके साथ ही हलाहल नामक विष भी पैदा हुआ था। हलाहल विष में ब्रह्मांड को नष्ट करने की क्षमता थी और इसलिए केवल भगवान शिव इसे नष्ट कर सकते थे। भगवान शिव ने हलाहल नामक विष को अपने कंठ में रख लिया था। जहर इतना शक्तिशाली था कि भगवान शिव बहुत दर्द से पीड़ित थे और उनका गला बहुत नीला हो गया था। इस कारण से भगवान शिव 'नीलकंठ' के नाम से प्रसिद्ध हैं। उपचार के लिए, चिकित्सकों ने देवताओं को भगवान शिव को रात भर जागते रहने की सलाह दी। इस प्रकार, भगवान भगवान शिव के चिंतन में एक सतर्कता रखी। शिव का आनंद लेने और जागने के लिए, देवताओं ने अलग-अलग नृत्य और संगीत बजाने लगे। जैसे सुबह  हुई, उनकी भक्ति से प्रसन्न भगवान शिव ने उन सभी को आशीर्वाद दिया। शिवरात्रि इस घटना का उत्सव है, जिससे शिव ने दुनिया को बचाया। तब से इस दिन, भक्त उपवास करते है||

Top Post Ad

Below Post Ad