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कृषि के प्रकार | KRISHI KE PRKAR


  कृषि के प्रकार

KRISHI KE PRKAR 


1. स्थानांतरित कृषि : 
2. स्थानबद्ध कृषि :
3. जीविका कृषि :
4 .ट्रक फार्मिग :
5.विस्तृत कृषि : 
6. मिश्रित कृषि : 
7. रोपण या बागानी कृषि :
8. डेयरी फार्मिंग :
9. गहन कृषि 


कृषि के  निम्नलिखित प्रकार है -


1. स्थानांतरित कृषि : 

यह मानव की आदिम अवस्था सूचक कृषि है। इसमें सबसे पहले कुल्हाड़ी से वन के किसी खण्ड को साफ करके वृक्षों तथा झाड़ियों को जला दिया जाता है, उसके बाद कुछ वर्षों तक कृषि की जाती है। भूमि की उर्वरता समाप्त हो जाने पर उसे छोड़कर किसी दूसरी जगह पर यही क्रिया की जाती है। इसे काटना और जलाना अथवा बुश फेलो कृषि भी कहा जाता है। खेतों का आकार छोटा होता है तथा एक साथ कई फसलों की कृषि की जाती है। 


2. स्थानबद्ध कृषि :

यह स्थानान्तरित कृषि के विपरीत कृषि पद्धति है। यह विश्व में सबसे अधिक की जाने वाली कृषि है, जिसमें एक निश्चित स्थान पर स्थायी रूप से बसकर कृषि की जाती है। 


3. जीविका कृषि :

 ऐसी कृषि जो सम्पूर्ण रूप से खेती करने वाले परिवार या उसी क्षेत्र में खप जाती है, जीविका कृषि कहलाती है। इसके अन्तर्गत धान, गेहूँ, दाल, मक्का, ज्वार-बाजरा, गन्ना, सोयाबीन, कंद वाली फसलें, शाक-सब्जी आदि की कृषि की जाती है। 


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4 .ट्रक फार्मिग :

 व्यापारिक स्तर पर की जाने वाली सब्जियों एवं फलों-फूलों की कृषि जिसमें परिवहन के लिए ट्रकों का अधिक उपयोग किया जाता है, ट्रक फार्मिंग कहलाता है। 


5.विस्तृत कृषि : 


यांत्रिक विधियों से काफी विस्तृत आकार वाले खेतों पर की जाने वाली कृषि को विस्तृत कृषि कहा जाता है। इस प्रकार की कृषि में श्रमिकों का प्रयोग कम होता है, किन्तु प्रति व्यक्ति उत्पादन की मात्रा अधिक होती है। पूर्व सोवियत संघ का स्टेपी क्षेत्र, USA का मध्यवर्ती तथा पश्चिमी मैदानी भाग, कनाडा का प्रेयरी क्षेत्र, अर्जेण्टीना का पम्पास क्षेत्र तथा आस्ट्रेलिया का डाउन्स क्षेत्र विस्तृत कृषि के अंतर्गत आता हैं। 


6. मिश्रित कृषि : 

इस प्रकार की कृषि में कृषि-कार्यों के साथ साथ पशुपालन का कार्य भी किया जाता है। सम्पूर्ण यूरोप महाद्वीप USA के पूर्वी भाग, दक्षिण पूर्वी आस्ट्रेलिया, अर्जेण्टीना के पम्पास क्षेत्र, दक्षिण अफ्रीका तथा न्यूजीलैंड में मिश्रित कृषि का प्रचलन अधिक पाया जाता है। 


7. रोपण या बागानी कृषि :

 यह एक प्रकार की पूर्णतः व्यापारिक उद्देश्यों से की जाने वाली कृषि है, जिसमें नकदी फसलों का उत्पादन किया जाता है। इसके अंतर्गत बड़े-बड़े फार्मों की स्थापना करके कारखानों की भाँति किसी एक फसल विशेष की कृषि की जाती है। जैसे-रबड़, कोको, कहवा, नारियल, चाय, कपास, पटसन आदि । 


8. डेयरी फार्मिंग :

यह एक प्रकार की विशेषीकृत कृषि है, जिसमें  दुध देने वाले पशुओं के प्रजनन एवं उनके पालन पर विशेष ध्यान दिया जाता है। ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड, बेल्जियम, डेनमार्क, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, उत्तरी अमेरिका में विशाल झील के समीपवर्ती क्षेत्र   या एवं न्यूजीलैंड में डेयरी कृषि विस्तृत पैमाने पर की जाती है। 


9. गहन कृषि :

इस प्रकार की खेती में अधिकाधिक उत्पादन प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रति इकाई भूमि पर पूंजी और श्रम अधिक मात्रा में लगाया जाता है। गहन कृषि में अधिक मात्रा में रासायनिक उर्वरक, सिंचाई, शस्यावर्तन तथा हरी उर्वरक, अच्छे किस्म के बीज, कीटनाशक, खाद आदि का भरपूर प्रयोग किया जाता है। 



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