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मातृभाषा शिक्षण - Mother toung || मातृभाषा का अर्थ

मातृभाषा शिक्षण (Mother tongue)


मातृभाषा का अर्थ (Matri Bhasha Ke Arth)


-मातृभाषा का शाब्दिक अर्थ है माँ से सीखी हुई भाषा ! बालक यदि माता-पिता के अनुकरण से किसी विभाषा को सीखता है तो वह विभाषा ही उसकी मातृभाषा कही जाती है ! रघुनाथ सफाला के शब्दों में मातृभाषा  'किसी वर्ग समुदाय' समाज या प्रांत की बोली जाने वाली भाषा उसके सदस्यों की मातृभाषा है ! बच्चा  जन्म लेकर अपनी माता से उसी भाषा को ग्रहण करता है ! आगे चलकर घर के भीतर और बाहर, मित्रों में, विद्यालयों में, निकटवर्ती समाजों में वह इसी भाषा का प्रयोग करता है ! माता के समान मातृभाषा वंदनीय है ! मातृभाषा की शिक्षा परम आवश्यक है ! अधिकतर शिक्षा और ज्ञान मातृभाषा द्वारा ही सुलभ हो सकता है ! 

    मातृभाषा स्वाभाविक भाषा है ! अतःइस भाषा का ज्ञान परम आवश्यक है ! वास्तव में, मातृभाषा का अर्थ है -"क्षेत्र विशेष में समाज स्वीकृत परिनिष्ठित भाषा, जिसके माध्यम से सामाजिक कार्य संपन्न होते हैं !" दूसरे शब्दों में, शिक्षा क्षेत्र में मातृभाषा का मतलब क्षेत्र विशेष की उस भाषा से है जिसके द्वारा उस क्षेत्र के बुध-जन मौखिक एवं लिखित रूप से विचार विनिमय का काम करते हैं, वह मातृभाषा कहलाता है ! पंजाब के बालकों के भाषा पंजाबी और बंगाल के बालकों की भाषा बंगाली होती है !

     अपने जन्म काल में बालक जिस क्षेत्र में रहता है और अपने जीवन के प्रारंभिक बसंत की मधुमय  बेला को व्यतीत करता है, वहां खेलता-कूदता  है, भ्रमण करता है, उस क्षेत्र की भाषा को वह वह अच्छी तरह से हृदयगम कर आत्मसात कर सीख लेता है !  वही  उसकी मातृभाषा होती है !

        बलार्ड ने ठीक ही कहा है - 'माता-पिता से सुनकर सीखी हुई भाषा (घर की बोली ) को माता की भाषा (मदरस  टंग) और समाज द्वारा स्वीकृत मानक भाषा को मातृभाषा (मदर टंग )कहा है !

       'बलार्ड के कथानुसार समाज द्वारा स्वीकृत मानक भाषा ही मातृभाषा है (यहां मदर्स टंग और मदर टंग के अंतर् पर ध्यान देना है ) 

      मातृभाषा माता की बोली, मदर्स टंग का ही परिनिष्ठित साहित्यिक रूप होती है ! भाषा -शिक्षण की दृष्टि से इस परिनिष्ठित भाषा का ही महत्व है, क्योंकि यह हमारे साहित्य, ज्ञान -विज्ञान की भाषा है, वही शिक्षित जनोचित शिष्ट भाषा है ! वही पत्र-पत्रिकाओं की भाषा है, और वही समस्त सामाजिक क्रिया-कलापों  में संचार की भाषा है ! यही भाषा हमारी  सहज अभिव्यक्ति का साधन है और उसी भाषा में हमारे भाव एवं विचार बनते और स्फुटित  होते हैं ! हमलोगो की मातृभाषा हिंदी है !

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