Type Here to Get Search Results !

पाठ्यक्रम के विभिन्न प्रकार || Various types of curriculum अथवा पाठ्यक्रम के संगठक कारक (organization curriculum components | PATHYKRM KE PRKAR

पाठ्यक्रम भी अनेक प्रकार के होते हैं-

(01) बाल केंद्रित पाठ्यक्रम (Child Centred Curriculum)
(02) विषय केंद्रित पाठ्यक्रम (Subject Centred Curriculum)
(03) कार्य / क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम (work/activity centred curriculum)
(04) अनुभव केंद्रित पाठ्यक्रम (Experience centred curriculum)
(05) शिल्पकला -केंद्रित पाठ्यक्रम (Craft Centred curriculum)
(06) कोर पाठ्यक्रम (core curriculum)



Course-8 (Knowledge and curriculum)

 

  पाठ्यक्रम के विभिन्न प्रकार 
      अथवा    
  पाठ्यक्रम के संगठक कारक 

      पाठ्यक्रम के संगठन के विषय में अलग-अलग दृष्टिकोण होते हैं ! इसी आधार पर पाठ्यक्रम भी अनेक प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित हैं -


  • (01) बाल केंद्रित पाठ्यक्रम (Child Centred Curriculum)

  • (02) विषय केंद्रित पाठ्यक्रम (Subject Centred Curriculum)

  • (03) कार्य / क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम (work/activity centred curriculum)

  • (04) अनुभव केंद्रित पाठ्यक्रम (Experience centred curriculum)

  • (05) शिल्पकला -केंद्रित पाठ्यक्रम (Craft Centred curriculum)

  • (06) कोर पाठ्यक्रम (core curriculum)

01. बाल केंद्रित पाठ्यक्रम (Child Centred Curriculum)

बाल केंद्रित पाठ्यक्रम का अभिप्राय उस पाठ्यक्रम से है, जिसका संगठन बालक की प्रवृत्ति, रुचि, रुझान, आवश्यकता आदि को ध्यान में रखकर किया जाता है अर्थात इस पाठ्यक्रम में विषयों की अपेक्षा बालकों को मुख्य स्थान दिया जाता है ! इस पाठ्यक्रम को हम मनोवैज्ञानिक पाठ्यक्रम भी कह  सकते हैं, क्योंकि यह बालक की मनोवैज्ञानिक विशेषताओं पर आधारित होता है ! इस पाठ्यक्रम में जो भी विषय रखे जाते हैं वे  बालकों के विकास के स्तर, उनकी रूचियो, रुझानों एवं आवश्यकताओं के अनुकूल होते हैं ! वर्तमान समय की सभी शिक्षण विधियों में जैसे - मोंटेसरी,  किंडरगार्टन,  डाल्टन आदि बाल- केंद्रित पाठ्यक्रम पर ही जोर दिया जाता है ! इस प्रयोगवादी विचारधारा पर आधारित है !

02. विषय केंद्रित पाठ्यक्रम (Subject Centred Curriculum) - 

विषय केंद्रित  पाठ्यक्रम उस पाठ्यक्रम को कहते हैं जिसमें विषय को आधार मानकर पाठ्यक्रम को नियोजित किया जाता है ! अथार्त  इसमें बालकों की अपेक्षा विषयों को अधिक महत्व दिया जाता है ! इस पाठ्यक्रम का सूत्रपात प्राचीन ग्रीक तथा रोम के विद्यालयों में हुआ ! इस पाठ्यक्रम में विषयों के ज्ञान को पृथक-पृथक रूप देने की व्यवस्था होती है ! इसमें सभी विषयों के अंतर्गत आने वाले ज्ञान को अलग-अलग निश्चित कर दिया जाता है और उसी के अनुसार विभिन्न विषयों पर पुस्तके लिखी जाती है जिनसे बालकों को ज्ञान प्राप्त होता है ! चुकी इस प्रकार के पाठ्यक्रम में पुस्तकों पर बल दिया जाता है ! अतः इसे 'पुस्तक केंद्रित पाठ्यक्रम ' भी कहा जाता है !यह  पाठ्यक्रम बालको  में रटने की आदत एवं केवल परीक्षा पर ही बल देता है ! परंतु इसमें कुछ लाभ भी है, उदाहरनार्थ,  इस पाठ्यक्रम में शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति होती है, पाठ्य-वस्तु पूर्व निश्चित होती है तथा एक  से अधिक विषय की पाठ्य-वस्तु को एकीकृत  रूप में प्रस्तुत भी किया जा सकता है ! यह एक निश्चित सामाजिक तथा शैक्षिक विचारधारा पर आधारित होता है !





3. कार्य / क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम 

(work/activity centred curriculum) -  
                                                 कार्य/ क्रिया केंद्रित पाठ्यक्रम अनेक प्रकार के कार्यों पर आधारित होता है अर्थात इसके अंतर्गत विभिन्न कार्यों को विशेष स्थान दिया जाता है ! बालक  को सामाजिक मूल्य के अनेक ऐसे कार्य करने होते हैं जो उनके सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं ! अतः कार्य -केंद्रित पाठ्यक्रम का अभिप्राय:  उस पाठ्यक्रम से है जिसमें विभिन्न कार्यों द्वारा छात्रों को शिक्षा देने की योग्यता होती है ! इन कार्यों व क्रियाओं का आयोजन  छात्रों की रुचि, आवश्यकताओं के अनुसार किया जाता है ! कार्यों का चयन शिक्षक एवं शिक्षार्थियों के सहयोग से किया जाता है !
     जॉन डीवी का मत है कि कार्यकेंद्रित पाठ्यक्रम द्वारा बालक समाज उपयोगी कार्यों के करने में रूचि लेने लगेगा जिससे उसके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होना निश्चित है ! 

इसे भी पढ़े -

बी.एड. , डी.एल.एड.   CTET ,STET न्यूज़ नोट्स के लिए इसे क्लिक करे >>>

4.  अनुभव केंद्रित पाठ्यक्रम (Experience centred curriculum) -  


                                             अनुभव  केंद्रित पाठ्यक्रम का अभिप्राय उस पाठ्यक्रम से है जिसमें मानव जाति के अनुभव सम्मिलित किए जाते हैं ! दूसरे  शब्दों में अनुभव केंद्रित पाठ्यक्रम विषयों की अपेक्षा अनुभव पर आधारित होता है ! इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य बालकों को प्रेरणा प्रदान करना है ताकि वे अपने जीवन को उपयोगी बना सके ! यह भौतिक तथा  सामाजिक वातावरण का अधिक -से -अधिक प्रयोग करता है क्योंकि इसमें बालकों को स्वाभाविक ढंग से 'अनुभव ' प्राप्त करने को मिलते हैं ! यही कारण है कि यह पुण्तया  मनोविज्ञान पर आधारित होता है अथार्त इसका संबंध छात्रों की रुचियो,  आवश्यकता तथा योग्यताओं से होता है !


5. शिल्पकला -केंद्रित पाठ्यक्रम (Craft Centred curriculum)


                                               
 शिल्पकला केंद्रित पाठ्यक्रम का अभिप्राय उस पाठ्यक्रम से है जिसमें 'शिल्प' व 'क्राफ्ट' को बिषय  मानकर अन्य विषयों की शिक्षा दी जाती है ; जैसे - कताई, बुनाई, चमड़े तथा लकड़ी के काम आदि को केंद्र मानकर दूसरे विषयों की शिक्षा दी जाती हैं ! इस प्रकार का पाठ्यक्रम संगठन महात्मा गांधी के विचार पर आधारित है कि छात्रों को कुछ  ऐसे शिल्पो की शिक्षा दी जानी चाहिए जिनके द्वारा एक तो विद्यालय का खर्च निकल आए तथा दूसरे भविष्य में छात्र इसके सहारे अपनी जीविका  भी चला सके ! इस प्रकार यह पाठ्यक्रम 'करके सीखने' पर आधारित है  जिसके द्वारा छात्र कोई- न -कोई उपयोगी कार्य अवश्य लेते हैं जो उन्हें भविष्य में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना देता है ! इस पाठ्यक्रम के द्वारा शिक्षा प्राप्त करने से छात्रों के मन में श्रम के प्रति आदर उत्पन्न होता है तथा उनके ह्रदय में श्रमजीवियो  के प्रति सम्मान व सहानुभूति प्राप्त होती है !


6. कोर  पाठ्यक्रम (core curriculum) - 


                           कोर / केंद्रित पाठ्यक्रम उस पाठ्यक्रम को कहते हैं जिसमें कुछ तो अनिवार्य होते हैं तथा अधिक विषय  ऐच्छिक होते हैं ! अनिवार्य  विषयों का अध्ययन करना प्रत्येक बालक के लिए अनिवार्य होता है तथा व्यक्तिगत ऐच्छिक विषयों को व्यक्तिगत रूचि  तथा क्षमता के अनुसार चुना जा सकता है !यह पाठ्यक्रम अमेरिका का देन है जिसके अंतर्गत प्रत्येक बालक  को व्यक्तिगत तथा सामाजिक दोनों प्रकार की समस्याओं के संबंध में ऐसे अनुभव दिए जाते हैं जिनके द्वारा वह अपने भावी जीवन में आने वाली प्रत्येक समस्या को सरलतापूर्वक सुलझाने हेतु कुशल एवं समाजोपयोगी एवं उत्तम नागरिक बन सकता है ! कोर  पाठ्यक्रम की आवश्यकता सभी विद्यार्थियों को होती है लेकिन प्रारंभिक स्तर पर विद्यालय में  कोर पाठ्यक्रम की अति आवश्यकता है ! माध्यिक  स्तर पर विद्यालय के आधे समय में कोर पाठ्यक्रम के कार्यक्रम होते हैं व उच्च शिक्षा स्तर पर इसकी मात्रा और घट जाती है !

महत्वपूर्ण लिंक

(Important Link )

(1) सोसल नेटवर्क का लिंक -

डी.एल.एड , बी.एड. ,  एम.एड. ,  CTET ,सभी राज्यों के STET एवं  सरकारी नोकरी  सम्बन्धी NEWS  & NOTES एवं SYLLABUS का PDF  के लिए AB JANKARI के सोसल नेटवर्क को ज्वाइन करे 

(1) टेलीग्राम पर NEWS & NOTES & सिलेबस के  PDF के लिए इसे क्लिक कर  ज्वाइन करे  >>>

(2) फेसबुक पेज पर NEWS , NOTES & सिलेबस के PDF के लिए इसे ज्वाइन करे >>>   

(3) Youtube पर न्यूज़  ,नोट्स सिलेबस के लिए इसे क्लिक करे >>>

(4) AB JANKARI  व्हाट एप्प ग्रुप ज्वाइन करने के लिए इसे क्लिक करे >>>

(5 ) B.Ed & D.El.Ed CTET ,STET News Notes PDF के लिए  व्हाट ऐप ग्रुप 3  ज्लिवाइन के लिए   इसे क्लिक करे >>>

(2) महत्वपूर्ण प्रश्नों के नोट्स का लिंक- 

(1बी.एड. फर्स्ट ईयर के सभी विषय के नोट्स के लिए इसे क्लिक करे >>>

(2) डी .एल.एड. फर्स्ट इयर के सभी विषय के नोट्स PDF के लिए इसे क्लिक करे >>>


(2) महत्वपूर्ण विडिओ का लिंक -

(1) परीक्षा का कॉपी कैसे लिखे का विडियो >>>

(2)  डी.एल.एड. के सिलेबस को विडिओ देखने के लिए इसे क्लीक करे >>>

(3) डी.एल.एड फर्स्ट इयर सभी सब्जेक्ट नाम विडिओ >>>

(4) डी.एल.एड सम्बन्धी सम्पूर्ण जानकारी के लिए इसे क्लिक करे >>>

(5) डी एल एड फर्स्ट ईयर का सबसे अच्छा बूक कौन है ?>>>

(6) क्लास नही किये है डी एल एड की तैयारी कैसे करे ?>>>



    
SMBNDHIT QUESTION-

पाठ्यक्रम के विभिन्न प्रकार|

 Various types of curriculum 

 पाठ्यक्रम के संगठक कारक 

 (organization curriculum components

PATHYKRM KE PRKAR 


ALL NOTES PDF  TELIGRAM        >>>>>  CLICK HERE
ONLY CTET NOTES TELIGRAM   >>>>CLICK HERE

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad