Shiksha Ka Arth Pribhasha Uddesya
शिक्षा क्या है ? शिक्षा का अर्थ, परिभाषा , उद्देश्य
इस पेज में आप निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पढ़ेंगे -
- (1) शिक्षा का अर्थ (Shiksha Ka Arth )
- (2) शिक्षा की परिभाषा क्या है ? (Shiksha Ka Pribhasha)
- (3) शिक्षा के उद्देश्य (Shiksha Ka Uddesya)
(1) शिक्षा का अर्थ (Shiksha Ka Arth )
- शिक्षा का अर्थ-
शिक्षा शब्द संस्कृत भाषा की 'शिक्ष' धात् में अप्रत्यय लगाने से बना है। शिक्ष' का अर्थ है सीखना और सिखाना। अतः 'शिक्षा' शब्द का शाब्दिक अर्थ हआ-सीखने व सिखाने का क्रिया।
'शिक्षा' शब्द के लिए अंग्रेजी में 'ऐजुकेशन' (Education) शब्द का प्रयोग किया जाता है। ऐजुकेशन शब्द लैटिन भाषा के 'ऐजुकेटम' (Educatum) शब्द से विकसित हुआ है तथा 'ऐजुकेटम' शब्द इसी भाषा के ए (E) तथा ड्यूको (Duco) शब्दों से मिलकर बना है। ए (E) का अर्थ है-अंदर से, जबकि ड्यूका (Duco) का अर्थ है-आगे बढ़ाना। अतः 'ऐजुकेशन' शब्द का अर्थ है-अंदर से आगे बढ़ाना।
प्रश्न यह उठता है कि यहाँ पर अंदर से आगे बढ़ाने से क्या तात्पर्य है। वास्तव में प्रत्येक बालक के अंदर जन्म के समय कुछ जन्मजात शक्तियाँ बीज रूप में विद्यमान रहती हैं। उचित वातावरण के सम्पर्क में आने पर ये शक्तियाँ विकसित हो जाती हैं, जबकि उचित वातावरण के अभाव में ये शक्तियाँ या तो पूर्णरूपेण विकसित नहीं हो पाती हैं अथवा अवांछित रूप ले लेती हैं। शिक्षा के द्वारा व्यक्ति की जन्मजात शक्तियों को अंदर से बाहर की ओर उचित दिशा में विकसित करने का प्रयास किया जाता है। दूसरे शब्दों में यह कह सकते हैं कि 'ऐजुकेशन' शब्द का प्रयोग व्यक्ति या बालक की आन्तरिक शक्तियों को बाहर की ओर प्रकट करने अथवा विकसित करने की क्रिया के लिए किया जाता है।
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(2) शिक्षा की परिभाषाये क्या है ?
(2) Shiksha Ka Pribhasha-
(2) Definition Of Education
(1) महात्मा गांधी के अनुसार--
"शिक्षा से मेरा तात्पर्य बालक और मनुष्य के शरीर, मन तथा आत्मा के सर्वांगीण एवं सर्वोत्कृष्ट विकास से है''
(2) स्वामी विवेकानंद के अनुसार--
'' मनुष्य की अन्तर्निहित पूर्णता को अभिव्यक्त करना ही शिक्षा है'' (3) प्रसिद्ध यूनानी दार्शनिक सुकरात के अनुसार -
"शिक्षा का अर्थ उन सर्वमान्य विचारों को विकसित करना है जो प्रत्येक मनुष्य के मस्तिष्क में विलुप्त है।
" Education mcans the bringing out of the ideas of universal validity which are le in the mind of everyınan.
(4) अरस्तु के अनुसार --
“स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण करना ही शिक्षा है।''
Education is the creation of a sound mind in a sound body. -- Aristotle
(5) हरबर्ट सेन्सर के अनुसार ---
"शिक्षा से तात्पर्य अन्तर्निहित शक्तियों तथा बाह्य जगत के मध्य समन्वय स्थापित करने से है।
" Education means establishment of co-ordination between the inherent powers and the outer world.
- Herbert Spencer
(6) जॉन डीवी के शब्दों में --
शिक्षा व्यक्ति की उन समस्त क्षमताओं का विकास करना है जो उसे अपने वातावरण को नियंत्रित करने तथा अपनी सम्भावनाओं को पूरा करने योग्य बनाएंगी।
" Education is the development of all those capacities in the individual which will enable him to control his environment and fulfill his possibilities.
- John Dewey
(7) जर्मन शिक्षाशास्त्री पेस्तालॉजी के अनुसार ----
"शिक्षा व्यक्ति की जन्मजात शक्तियों का स्वाभाविक, समरस तथा प्रगतिशील विकास है।
" Education is a natural, harmonious and progressive development of man's innate powers.
-- Pestalozzi
(8) पेस्तालॉजी के शिष्य फ्रोबेल के अनुसार ----
“शिक्षा वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा बालक अपनी आन्तरिक शक्तियों को बाह्य शक्तियों का रूप देता है।"
Education is process by which the child makes its internal external. -Froebel.
(9) मेकेन्ली के शब्दों में -
"व्यापक अर्थ में शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जो जीवन-पर्यन्त चलती है तथा जो जीवन के प्रत्येक अनुभव से संवर्धित होती है।"
In wide sence, it is a process that goes on throughout life and is promoted by almost every experience in life.
- S.S. Mackenzi
(10) देवर के अनुसार
शिक्षा एक प्रक्रिया है, जिसमें तथा जिसके द्वारा बालक के ज्ञान, चरित्र तथा व्यवहार को ढाला या परिवर्तित किया जाता है।"
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- शिक्षा के उद्देश्य-Shiksha Ka Uddesya
Aim of Education
(1) शिक्षा का उद्देश्य क्या होना चाहिए, व्यक्ति विशेष और परिस्थितियों व स्थान के अनुसार अलग हो सकते हैं ! शिक्षा अर्जित करने पर ज्यादातर लोगों का मुख्य उद्देश्य अच्छा व्यक्ति बनना होता है ! लेकिन आज के समय में शिक्षा व्यावसायिकता पर ज्यादा केंद्रित है !(2) धन अर्जित कर लेना ही शिक्षा नहीं है ! असामाजिक प्राणी भी अपने जीवन यापन के लिए खाने का बंदोबस्त कर लेता है ! लेकिन वह समाज में सभ्य नहीं हो पाते हैं ! एक शिक्षित व्यक्ति समाज को बहुत तरीके से मदद करता है और उसे सुगम बनाता है !
(3) व्यक्तिगत शक्तिओं का विकास करना ही शिक्षा का उद्देश्य नहीं होता क्योंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है. व्यक्तित्व का विकास समाज के अनुसार होना चाहिए जिसमें हमें समाजिक मूल्यों एवं सिद्धांत को अपने शिक्षा में स्थान ज़रूर देना चाहिए !
(4) शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ डिग्री लेना नहीं होता शिक्षित होना होता है !
(5) शिक्षा इंसान के चरित्र को पवित्र व सुंदर बनाता है !
(6) शिक्षा हमें प्रकृति के अनुसार लचीला, परिवर्तनशील व अनुकूलित बनाता है !
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